States

उन्नाव केस में सुप्रीम कोर्ट ने आज महत्वपुर्ण फैसले दिये…क्या जानिए!

सुप्रीम कोर्ट ने पीडिता को यूपी सरकार से 25 लाख का मुआवजा दिये जाने के निर्देश दिये।

savan meena

डेस्क न्यूज – 

. आज सुप्रीम कोर्ट ने उन्नाव मामले में कुछ अहम फैसले दिये है..

. इससे जूडे सभी 5 केस दिल्ली ट्रांसफर कर दिये गये है।

. अब इस केस पर रोजाना सुनवाई होगी…

साथ ही पीडिता, परिवार और वकील को सीआरपीएफ की सुरक्षा दी जाएगी। सुप्रीम कोर्ट ने पीडिता को 25 लाख रूपये का मुआवजा देने के भी निर्देश दिये है। ये मुआवजा यूपी सरकार देगी।

इससे पहले कोर्ट में उन्नाव गैंगरेप मामले की सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने प्रोसेक्यूटर तुषार मेहता से पूछा कि, रेप पीड़िता और अन्य के सड़क हादसे की जांच के लिए आपको कितना समय चाहिए,

इस पर प्रोसेक्यूटर ने कहा, एक महीना.. चीफ जस्टिस ने जवाब दिया एक महीना? नहीं, सात दिन में जांच कीजिए,  इससे पहले चीफ जस्टिस ने पूछा कि 'पीड़िता की स्थिति कैसी है? इसके जवाब में प्रोसेक्यूटर ने कहा, 'वह वेंटिलेटर पर हैं।

इससे पहले पीड़िता की मां ने दावा किया कि दो हफ्ते पहले ही सुप्रीम कोर्ट को चिट्ठी लिखी थी। लेकिन चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के पास ये चिट्ठी पहुंची ही नहीं थी। बुधवार को अदालत में सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने कहा था कि उन्हें अखबार पढ़ने के बाद पता लगा कि पीड़िता की मां के द्वारा उन्हें चिट्ठी लिखी गई है।

बुधवार को जब POCSO एक्ट से जुड़ा एक मामला सामने आया तो चीफ जस्टिस ने उस मामले को लेकर उन्नाव मसले पर अपनी बात कही। CJI ने कहा कि आज सुबह मैंने अखबारों में पढ़ा कि पीड़िता की तरफ से सुप्रीम कोर्ट को चिट्ठी लिखी गई है। लेकिन मुझे चिट्ठी के बारे में कल ही पता लगा था। मेरे पास अभी तक चिट्ठी नहीं आई है।

चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि हम यहां पर इस तरह के माहौल के बीच भी सही व्यवस्था को स्थापित करना चाह रहे हैं, लेकिन फिर इस तरह की बातें निकल कर सामने आती हैं। इसी के साथ चीफ जस्टिस ने अदालत के रजिस्ट्रार को पीड़िता के द्वारा लिखी गई चिट्ठी पर रिपोर्ट देने को कहा है। साथ ही साथ रजिस्ट्रार को इस बारे में जवाब देने को भी कहा गया है कि अभी तक ये चिट्ठी उनके सामने क्यों नहीं आई थी।

आपको बता दें कि पीड़िता की मां की तरफ से इसी साल जनवरी में चिट्ठी लिखी गई थी, जिसमें उसने इस मामले को उत्तर प्रदेश से बाहर ट्रांसफर करने की मांग की थी। पीड़िता की मां की मांग थी कि मामले को लखनऊ से बाहर दिल्ली भेज दिया जाए, ताकि इसमें निष्पक्ष तरीके से जांच हो सके।

Diabetes से हो सकता है अंधापन, इस बात का रखें ख्याल

बीफ या एनिमल फैट का करते है सेवन, तो सकती है यह गंभीर बीमारियां

Jammu & Kashmir Assembly Elections 2024: कश्मीर में संपन्न हुआ मतदान, 59 प्रतिशत पड़े वोट

Vastu के अनुसार लगाएं शीशा, चमक जाएगी किस्मत

Tiger Parks: भारत के 8 फेमस पार्क,जहां आप कर सकते है टाइगर का दीदार