सीबीआई आज देश के 14 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में करीब 76 जगहों पर तलाशी ले रही है। सीबीआई ने ऑनलाइन बाल यौन शोषण और शोषण के आरोप में कुल 83 आरोपियों के खिलाफ 14 नवंबर 2021 को 23 अलग-अलग मामले दर्ज किए हैं। इन राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में आंध्र प्रदेश, दिल्ली, यूपी, पंजाब, बिहार, ओडिशा, तमिलनाडु, राजस्थान, महाराष्ट्र, गुजरात, हरियाणा, छत्तीसगढ़, एमपी और हिमाचल प्रदेश शामिल हैं।
वहीं बच्चों के यौन शोषण को रोकने के लिए राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत राज्य के सभी जिलों में 14 से 20 नवंबर तक बाल सुरक्षा सप्ताह का आयोजन किया गया है। इस दौरान विभिन्न कार्यक्रम आयोजित करके बाल यौन शोषण के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाया जाएगा।
इस सम्बंध में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन-उत्तर प्रदेश के किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के महाप्रबंधक डा. वेद प्रकाश ने प्रदेश के सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को पत्र भेजकर कार्यक्रमों के आयोजन का निर्देश दिया है, ताकि बाल यौन शोषण के मुद्दे पर लोगों को जागरूक करने के साथ-साथ बच्चों के लिए अधिक सुरक्षित वातावरण प्रदान किया जा सके।
बाल यौन शोषण इंटरनेट पर एक वैश्विक समस्या बनता जा रहा है। इस समस्या के कारण खेलता-कूदता बचपन, धीरे-धीरे बर्बाद होता जा रहा है। भारत में भी बच्चों के खिलाफ अपराध बड़े पैमाने पर बढ़ रहे हैं। ऐसे अपराधों को रोकने के लिए सीबीआई ने दो साल पहले एक अलग इकाई का गठन किया था। जो देशभर में बच्चों पर ऑनलाइन बाल यौन शोषण को रोकेगा। यह भी सच है कि पिछले कुछ वर्षों में देश में एक के बाद एक बाल यौन शोषण की भीषण घटनाओं ने मानव समाज का सिर शर्म से झुका दिया है।
सरकार की ओर से लगातार कानून-कायदे सख्त किए जाने के बावजूद घटनाएं कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। यहां तक कि देश के सर्वोच्च न्यायालय ने भी इस पर स्वत: संज्ञान लिया है। हर राज्य, हर शहर में हर दिन बाल यौन शोषण की खबरें सुनने को मिल रही हैं। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो द्वारा 2016 में जारी रिपोर्ट पर नजर डालें तो 2014 में बच्चों के खिलाफ अपराध की 89,423 घटनाएं दर्ज की गईं। 2015 में 94,172 और 2016 में 1,06,958 मामले दर्ज किए गए।
2016 में, बच्चों से जुड़ी 1,06,958 घटनाओं में से 36,022 मामले POCSO अधिनियम के तहत दर्ज किए गए, जिसमें उत्तर प्रदेश (4,954) में सबसे अधिक मामले दर्ज किए गए। उत्तर प्रदेश के बाद महाराष्ट्र (4,815) और मध्य प्रदेश (4,717) हैं। इंटरनेट पर आने वाली नई नई तकनीक कई बार अनियंत्रित होकर बच्चों के यौन शोषण को कई गुना बढ़ा देती है। ऐसे में सीबीआई की नई यूनिट उन पर लगाम लगाएगी और बच्चों को उनका बचपन लौटाने में मददगार होगी।