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भारत का ‘रोमियो’ उड़ाएगा दुश्मनों के होश, अगले महीने अमरीका से आ रहे तीन हेलिकाप्टर

Ranveer tanwar

भारतीय नौसेना को मल्टीरोल हेलिकाप्टर मिलने जा रहे हैं, जिनका नाम 'रोमियो' है, लेकिन वे पनडुब्बी हंटर के नाम से मशहूर हैं। अमरीका में जब 2020 में डोनाल्ड ट्रंप की सरकार थी, तो भारत ने 24 रोमियो हेलिकॉप्टर्स का सौदा किया था, जिसमें से तीन डिलीवरी के लिए तैयार हैं, जो जुलाई में भारत आ सकते हैं। खबर के मुताबिक भारतीय पायलटों की एक टीम अमरीका पहुंच गई है। वहां पर उन्हें उड़ान और हेलिकॉप्टर के रख-रखाव की जानकारी दी जाएगी। पिछले साल दिसंबर में अमरीकी कंपनी लॉकहीड मार्टिन ने इस भारतीय रोमियो हेलिकाप्टर की पहली तस्वीर जारी की थी। इसका डिजाइन वैसा ही है, जैसे अमरीकी सेना इस्तेमाल करती है। बस उस पर भारत का झंडा बना हुआ है।

सी किंग्स की लेंगे जगह सी किंग्स की लेंगे जगह मामले में नौसेना के एक सूत्र ने कहा कि भारतीय पायलट का पहला बैच अमरीका पहुंच गया है, जो वहां पर पूरी ट्रेनिंग लेगा। इसके बाद जुलाई में 3 हेलिकॉप्टर्स भारत पहुंच जाएंगे। फिलहाल पायलटों की ट्रेनिंग के लिए फ्लोरिडा के पेंसाकोला को चुना गया है।

यह डील साल 2020 में किया गया था।

इसके बाद वो कैलिफोर्निया के सैन डिएगो चले जाएंगे। सूत्र ने आगे बताया कि रोमियो की तैनाती एमएच-60 सी किंग्स की जगह पर होगी, जो जल्द ही नौसेना से रिटायर होने वाले हैं। भारत और यूएस ने एमएच-60 रोमियो हेलिकाप्टर खरीदने के लिए 16,000 करोड़ रुपए से ज्यादा की डील पर हस्ताक्षर किए थे। यह डील साल 2020 में किया गया था।

मल्टी-मोड रडार से लैस

यह हेलिकाप्टर मल्टी-मोड राडार से लैस होगा। इसके अलावा इसमें रात में देख सकने वाले डिवाइस लगे होंगे। यह हेलिकाप्टर हेलफायर मिसाइल, टारपीडो और अन्य घातक हथियारों से भी लैस होगा। इस हेलिकाफ्टर को मुख्य रूप से सबमैरीन और जहाजों को ढूंढ निकालने के लिए डिजायन किया गया है। समुद्र में रेस्क्यू आपरेशन चलाने में भी इस हेलिकाप्टर को महारत हासिल है। रोमियो हेलिकाप्टर किसी भी सबमरीन या जंगी जहाज से निपटने में सक्षम है।

सबमरीन हंटर दूसरा नाम

अमरीका कंपनी लॉकहीड मार्टिन द्वारा निर्मित एमएच-60 रोमियो में दोहरी नियंत्रण प्रणाली मौजूद है यानी इसमें दो पायलट रहेंगे। कहा जाता है कि इसके कॉकपिट में बैठे पायलट अंधेरे में भी अपने लक्ष्य को बखूबी देख सकते हैं। इस हेलिकाप्टर में चार से पांच केबिन कू्र के साथ पांच यात्री भी बैठ सकते हैं, जिसके केबिन की लंबाई 3.2 मीटर, चौड़ाई 1.8 मीटर और ऊंचाई 1.3 मीटर है। इसके अलावा दुश्मन की पनडुब्बियों और पोतों पर ये किसी भी वक्त अचूक निशाना लगा सकते हैं।

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