न्यूज – पूर्व मंत्री चौधरी राकेश सिंह की कांग्रेस में घर वापसी का मामला फिलहाल ठंडे बस्ते में जाता दिख रहा है। अजय सिंह, डा. गोविंद सिंह के साथ दिग्विजय सिंह जैसे दिग्गज नेता चौधरी को कांग्रेस में वापस लाने का विरोध कर रहे है। चौधरी ने जवाबी प्रतिक्रिया देकर मामले को उलझा लिया है।
पार्टी सूत्रों के अनुसार प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ इस मामले को लेकर विरोध करने वाले नेताओं से बात करने वाले थे लेकिन अब वे ऐसा नहीं करेंगे। वे पहले प्रत्याशी तय करने के लिए कराए जा रहे सर्वे रिपोर्ट का इंतजार करेंगे। सर्वे में मेहगांव विधानसभा सीट से जीतने वाले दावेदार के तौर पर चौधरी राकेश सिंह का नाम आया तो कमलनाथ विरोध करने वाले नेताओं से बात कर उन्हें मनाने की कोशिश करेंगे।
सत्ता में वापसी के लिए कांग्रेस ने 2018 के विधानसभा चुनाव के फॉमूर्ले को अपना रही है। इसके तहत कमलनाथ निजी एजेंसियों के जरिए 15 जिलों के 24 विधानसभा सीट में सर्वे करा रहे हैं। तीन अलग-अलग एजेंसियां सर्वे कर रही हैं। सर्वे में विधानसभावार जातीय समीकरण, स्थानीय मुद्दे और जीतने वाले उम्मीदवार के नाम तलाशे जा रहे हैं। एजेंसियों से मिलने वाली रिपोर्ट के आधार पर पार्टी 24 सीटों के लिए स्थानीय घोषणा पत्र और जिताऊ उम्मीदवार के नामों पर मुहर लगाएगी। चौधरी राकेश सिंह को तब तक इंतजार करना पड़ेगा।
2018 के विधानसभा चुनाव में कमलनाथ ने निजी एजेंसियों द्वारा किए गए सर्वे को प्रत्याशी चयन का आधार बनाया था। इस फार्मूले से कांग्रेस को कामयाबी मिली थी और वह सत्ता में आई थी। कमलनाथ को उम्मीद है कि सर्वे के आधार पर प्रत्याशी चयन में पार्टी भाजपा को कड़ी टक्कर देगी और सत्ता में वापसी करेगी।
विधानसभा चुनाव फार्मूले की तर्ज पर कमलनाथ लगभग हर दिन उन एक-दो विधानसभा सीटों की समीक्षा कर रहे हैं, जहां के लिए उप चुनाव होना है। समीक्षा बैठक में क्षेत्र के सभी दावेदारों के साथ प्रमुख नेताओं को बुलाया जा रहा है। कमलनाथ एक-एक से बात करते हैं।
उप चुनाव की रणनीति के साथ जानने की कोशिश करते हैं कि कौन ज्यादा उपयुक्त प्रत्याशी हो सकता है। सभी को संकल्प दिलाया जाता है कि प्रत्याशी कोई भी हो लेकिन सब मिलकर कांग्रेस के लिए काम करेंगे। ऐसा वे विधानसभा चुनाव के दौरान भी करते थे। तब वे संभाग अथवा जिला स्तर के नेताओं को एक साथ बुलाते थे।
विधानसभा चुनाव की तर्ज पर कमलनाथ हर बैठक में नेताओं को बता रहे हैं कि कांग्रेस का टिकट उसे ही मिलेगा जो सर्वे में जिताऊ दावेदार के तौर पर उभर कर सामने आएगा। भाजपा और बसपा नेताओं के कांग्रेस ज्वाइन करने से टिकट के दावेदारों की संख्या बढ़ रही है। इसकी वजह से घमासान बढ़ रहा है। कांग्रेस नेतृत्व इसे अच्छा संकेत मान रहा है। हालांकि पूर्व मंत्री पीसी शर्मा का कहना है कि टिकट की दावेदारी को लेकर पार्टी में कोई घमासान के हालात नहीं हैं। सर्वे में नाम आने पर कांग्रेस का टिकट दिया जायेगा।