Karnataka News: कर्नाटक की नई कांग्रेस सरकार ने कट्टरपंथियों के हाथों मारे गए बीजेपी कार्यकर्ता प्रवीण नेट्टारू की पत्नी की नौकरी रद्द कर दी है। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार सिद्धारमैया सरकार ने नूतन कुमारी की सरकारी सेवाओं से अस्थायी नियुक्ति आदेश को वापस ले लिया है। कांग्रेस सरकार के इस फैसले के बाद भाजपा नेताओं में नाराजगी है।
पीएफआई आतंकियों द्वारा हत्या के बाद पूर्व भाजपा सरकार ने प्रवीण नेट्टारू की पत्नी नूतन कुमारी को सीएम ऑफिस में नौकरी दी थी। उन्हें मंगलुरु में उपायुक्त कार्यालय के मुख्यमंत्री राहत कोष अनुभाग में वरिष्ठ सहायक का पद दिया गया था। अब कांग्रेस की सरकार ने उस विधवा की नौकरी को वापस लेने का फैसला ले लिया है। सरकार ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि नूतन की नौकरी क्यों रद्द की गई।
मीडिया रिपोर्टों में सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है कि जब सरकार बदलती है तो आम तौर पर अस्थायी कर्मचारियों को पद छोड़ने के लिए कहा जाता है। नूतन कुमारी की नौकरी को लेकर विशेष विचार नहीं किया गया। भाजपा नेताओं को सरकार का यह निर्णय पसंद नहीं आया।
आंध्र प्रदेश बीजेपी के स्टेट जनरल सेक्रेटरी विष्णु वर्धान रेड्डी ने ट्वीट कर सरकार के फैसले की आलोचना की। रेड्डी ने लिखा, “प्रवीण नेट्टारू की नृशंस हत्या के बाद उनकी पत्नी को सकारी नौकरी दी गई थी। सत्ता संभालने के तुरंत बाद कांग्रेस की सरकार ने नेट्टारू के विधवा को उनके पद से हटा दिया। यह एक विधवा के प्रति कांग्रेस की क्रूरता और पीएफआई के प्रति प्रेम को जाहिर करता है।”
बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने भी कर्नाटक सरकार के फैसले पर नाराजगी जताई। उन्होंने ट्विटर पर लिखा, “शहीद प्रवीण नेट्टारू की पत्नी को दी गई नौकरी रद्द करने के लिए सिद्धारमैया सरकार को शर्म आनी चाहिए।
बैन लगने से पहले खूंखार संगठन के गुंडों ने उनकी हत्या कर दी थी। जब आपको लगता है कि कांग्रेस अब इससे नीचे नहीं गिर सकती वो एक नया निचला स्तर छू लेती है।
बता दें पोल्ट्री का कारोबार चलाकर परिवार का भरण करने वाले बीजेपी युवा मोर्चा के सक्रिय कार्यकर्ता प्रवीण नेट्टारू की हत्या 26 जुलाई 2022 को कर दी गई थी। कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ के बेल्लारे में दुकान से घर लौटते वक्त पीएफआई के आतंकियों ने उन पर धारदार हथियारों से हमला कर दिया था। हत्यारे बाइक पर आए थे। हमले में बुरी तरह जख्मी प्रवीण को अस्पताल ले जाया गया लेकिन उनकी जान नहीं बचाई जा सकी।