न्यूज़- पूरे देश में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है। देश भर में कुल मरीजों की संख्या एक लाख को पार हो गई है। इस दौरान प्रत्येक दिन महाराष्ट्र और गुजरात से बड़ी संख्या में कोरोना के नए मामले सामने आ रहे हैं। इस बीच बिहार ने भी हर किसी की चिंता बढ़ा दी है। प्रतिदिन यहां हजारों की संख्या में प्रवासी मजदूर पहुंच रहे हैं। कोरोना टेस्ट के आंकड़ों के मुताबिक इनमें से बड़ी संख्या में मजदूर कोरोना वायरस के साथ पहुंच रहे हैं।
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार ये आंकड़े हैरान करने वाले हैं। बीते 18 मई तक बिहार में प्रवासी मजदूरों के 8337 सैंपल लिए गए, जिनमें से करीब 8 फीसदी कोरोना पॉजिटिव पाए गए। जबकि देश में टेस्ट के हिसाब से पॉजिटिव मरीजों की दर सिर्फ 4% है। कोरोना संक्रमित मरीजों के इन आंकड़ों को ध्यान से देखा जाए तो दिल्ली से लौटने वाले ज्यादातर प्रवासी मजदूर कोरोना पॉजिटिव मिल रहे हैं। दिल्ली से आने वाले 835 मजदूरों के सैंपल लिए गए, जिनमें से 218 कोरोना पॉजिटिव निकले। यानी हिसाब लगाया जाए तो ये दर 26 फीसदी से ज्यादा है।
जबकि दिल्ली में ये रेट करीब 7 फीसदी है। ये आंकड़े काफी भयावहा हैं। इसका मतलब ये है कि दिल्ली में हजारों की संख्या में ऐसे लोग हैं जिनमें कोरोना के लक्षण नहीं दिख रहे हैं लेकिन वो पॉजिटिव हैं। पश्चिम बंगाल से बिहार लौटे 265 लोगों का सैंपल लिया गया, जिसमें से 33 पॉजिटिव निकले। यानी 12 फीसदी लोग पॉजिटिव निकले जबकि बंगाल में ये रेट सिर्फ 3 फीसदी है। ऐसे ही हरियाणा से लौटे 390 मजदूरों के सैंपल लिए गए जिसमें से 26 पॉजिटिव निकले। यानी 9 फीसदी लोग कोरोना संक्रमित मिले। जबकि हरियाणा में ये रेट 1.16 फीसदी है।
उधर महाराष्ट्र से लौटने वालों के लिए गए सैंपल से 11 फीसदी कोरोना पॉजिटिव निकले। जबकि गुजरात से लौटने वालों में संक्रमितों की संख्या 6.8% है। बता दें कि बिहार में सोमवार को कोरोना के 129 नए मामले सामने आए। इसके साथ ही बिहार में कुल मरीजों की संख्या 1391 पर पहुंच गई है। बिहार में कोरोना से अब तक 9 लोगों की मौत हुई है। जबकि 494 लोग ठीक होकर घर लौट गए हैं।