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मध्यप्रदेश – 12वी की परीक्षा में एक सिख छात्र की पगड़ी उतरवाकर ली गई तलाशी

धार जिला आदिवासी विकास आयुक्त ब्रजेश पांडे ने इस तरह की शिकायत मिलने की पुष्टि की. पांडे ने कहा, जब निरीक्षक की ओर से नकल सामग्री के लिए छात्रों की तलाशी की जा रही थी तो शिकायतकर्ता की पगड़ी खुल गई. इस पर जांच कराई गई.

Sidhant Soni

न्यूज़- मध्य प्रदेश के धार ज़िले में बोर्ड परीक्षा के दौरान एक सिख छात्र की पगड़ी उतार कर तलाशी ली गई. ये घटना धनमोड सरकारी हायर सेकेंड्री स्कूल में सोमवार को हुई. नकल विरोधी मुहिम के तहत छात्रों की तलाशी ली जा रही थी. बारहवीं के छात्र ने इस घटना की शिकायत अधिकारियों से की. इसके बाद परीक्षा केंद्र की असिस्टेंट हेड को परीक्षा संबंधी ड्यूटी से हटा दिया गया.

जिला स्तरीय अधिकारियों को दी गई शिकायत में छात्र ने कहा, "मैं धनमोड हायर सेकेंड्री स्कूल सेंटर में बारहवीं की परीक्षा देने आया था, जब मैं परीक्षा हाल में दाखिल हो रहा ता तो मुझे पगड़ी उतारने के लिए कहा गया. मैंने इसका विरोध किया और सेंटर प्रमुख को इसकी शिकायत की लेकिन मुझे बताया गया कि मध्य प्रदेश शिक्षा बोर्ड की ओर से तय परीक्षा प्रक्रिया के मुताबिक किया गया. ये मेरे लिए अपमानजनक था. और इस दबाव की वजह से मैं अपनी परीक्षा भी अच्छे ढंग से नहीं दे सका."

धार जिला आदिवासी विकास आयुक्त ब्रजेश पांडे ने इस तरह की शिकायत मिलने की पुष्टि की. पांडे ने कहा, जब निरीक्षक की ओर से नकल सामग्री के लिए छात्रों की तलाशी की जा रही थी तो शिकायतकर्ता की पगड़ी खुल गई. इस पर जांच कराई गई. शिकायतकर्ता और निरीक्षक, दोनों के बयान रिकॉर्ड कराए गए. जब तक जांच पूरी हीं हो जाती परीक्षा केंद्र की असिस्टेंट हेड को परीक्षा संबंधी ड्यूटी देने से हटा दिया गया है.

जिले के सिख समुदाय के प्रतिनिधिमंडल ने जिला शिक्षा अधिकारियों को इस संबंध में शिकायत सौंप कर संबंधित टीचर (असिस्टेंट हेड) के खिलाफ कार्रवाई की मांग की. धनमोड सिख समुदाय के अध्यक्ष जसबीर सिंह होरा ने कहा, हम शांतिप्रिय समुदाय हैं और कई तरह की सामाजिक गतिविधियां करते हैं. इस घटना को सिख समुदाय ने बहुत गंभीरता से लिया है और जो भी जिम्मेदार हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करते हैं."

डीएम ने की कार्रवाई

जिला अधिकारियों ने संबंधित टीचर को परीक्षा संबंधित ड्यूटी से हटाने में देर नहीं लगाई. ऐसा करते वक्त ध्यान में रखा गया कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ सिखों से संबंधित मुद्दों पर अति संवेदनशील रुख अपनाते हैं. विरोधी पार्टी बीजेपी की ओर से अक्सर 1984 में दिल्ली में सिखों के खिलाफ हुई हिंसा में कथित भूमिका की बात कह कर कमलनाथ पर निशाना साधा जाता रहा है. ऐसे में सिखों से संबंधित मुद्दों पर कमल नाथ अति सतर्क रहते हैं.

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