मध्यप्रदेश के सरकारी स्कूलों में अब धर्म ग्रंथों की पढ़ाई होगी। गीता का सार और रामायण और महाभारत के प्रसंग को पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा। यह घोषणा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने भोपाल के एक कार्यक्रम में की। चौहान ने कहा कि मैं ऐसे लोगों की निंदा की जो हिंदू शास्त्रों की आलोचना कर रहे हैं।
सीएम शिवराज ने रामचरितमानस से नफरत फैलाने वालों पर जमकर निशाना साधते हुए भोपाल में एक कार्यक्रम में पहुंचे मुख्यमंत्री ने कहा कि देश में कुछ लोग ऐसे भी हैं जिन्हें हमारी संस्कृति-परंपरा, जीवन दर्शन, महापुरुषों, अध्यात्म और धर्म की आलोचना करने में आनंद आता है।
सीएम शिवराज ने आगे कहा कि उन्हें नहीं पता कि वे देश का कितना नुकसान कर रहे हैं। यह देश राम के बिना नहीं जाना जाता है। राम हमारे रोम रोम में बसे हैं। सुख-दुख में राम का ही नाम लिया जाता है। अंत्येष्टि में जाते समय भी कहते हैं कि राम नाम सत्य है।
मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि राज्य सरकार सरकारी स्कूलों में धार्मिक ग्रंथों की पढ़ाई कराएगी। गीता का सार, रामायण और महाभारत का प्रसंग भी पढ़ाया जाएगा। मध्यप्रदेश में विद्यार्थियों को धार्मिक ग्रंथ पढ़ाकर नैतिक शिक्षा को बढ़ावा दिया जायेगा।
मुख्यमंत्री ने ऐसे लोगों को चेतावनी दी है जो हिंदू ग्रंथों से महापुरुषों का अपमान करते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि महापुरुषों का अपमान करने वालों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।