मध्य प्रदेश

ये है आज का भारत ना सिस्टम कुछ कर पाया ना सरकार,बच्चे की किलकारी की जगह निकली मां की चीख, जिम्मेदारी किसकी जवाब कौन देगा।

Deepak Kumawat

मध्य प्रदेश में सरकारी व्यवस्था ने गर्भवती महिला से मां बनने की खुशी छीन ली। बड़ी इच्छा से गर्भवती होकर 9 महीने तक अपने गर्भ में वह सुख ढोया जो उसे पुत्र या पुत्री के रूप में मिलने वाला था। लेकिन, जब प्रसव का समय आया तो व्यवस्था ने महिला को असहनीय पीड़ा दी। दरअसल महिला के गांव में सड़क नहीं है। जिसके चलते उन्हें खाट पर लेटाकर एंबुलेंस और फिर अस्पताल लाया गया। तब तक बहुत देर हो चुकी थी। महिला ने मृत बच्चे को जन्म दिया।

तीन किलोमीटर पैदल चलकर एम्बुलेंस पहुंचाया
दरअसल यह महिला मंडला के बेहरा टोला गांव की रहने वाली है। गुरुवार को सुनिया मरकाम नाम की इस महिला को प्रसव पीड़ा हुई तो परिजनों ने 108 एंबुलेंस को फोन किया। एंबुलेंस समय पर पहुंची, लेकिन सड़क नहीं होने के कारण गांव नहीं पहुंच पाई। सुनिया के घर पहुंचे एंबुलेंस कर्मी। उन्होंने उसे खाट पर लेटा दिया और उसके परिवार के सदस्यों की मदद से एम्बुलेंस तक पहुंचने के लिए तीन किलोमीटर पैदल चलकर पहुंचाया।
गर्भवती महिला जिस गांव की है वह एक पहाड़ की चोटी पर बसा गांव है। जहां खड़ी चढ़ाई के कारण वाहनों तक पहुंचना मुश्किल हो जाता है। बजरी सड़क 2017 में बनी थी, लेकिन अंतिम बिंदु तक बनने के बावजूद यह चलने योग्य नहीं है। हमने टीम से कहा है कि आप तकनीकी रूप से समझते हैं, अगर वहां सड़क बनाने की संभावना है, तो हम एक विशेष प्रस्ताव भेज सकते हैं।
कलेक्टर हर्षिका सिंह

सुनिया की डिलीवरी हुई... लेकिन बच्ची मृत पैदा हुई

सुनिया को जिला अस्पताल ले जाया गया। रात में हालत गंभीर होने पर उसे जबलपुर रेफर कर दिया गया, जहां सुनिया की डिलीवरी हुई, लेकिन बच्ची मृत पैदा हुई। वहीं अब गर्भवती महिला को खाट पर ले जाने वाला वीडियो सामने आया है।

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