डेस्क न्यूज़: महाराष्ट्र में अभी भी कोरोना का संकट गहराता जा रहा है। इस बीच, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे आज नई दिल्ली पहुंच गए हैं। उद्धव ठाकरे ने राज्य के डिप्टी सीएम अजीत पवार के साथ लोक कल्याण मार्ग स्थित प्रधानमंत्री आवास पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। इस दौरान ठाकरे ने मोदी के साथ मराठा आरक्षण के लिए आर्थिक सहायता और चक्रवात ताउते पर राहत उपायों जैसे मुद्दों पर चर्चा की।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट से मराठा आरक्षण रद्द होने के बाद से ही राज्य में उद्धव ठाकरे की सरकार दबाव में है, राज्य के गृह मंत्री दिलीप वलसे पाटिल ने सोमवार को पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि 'सीएम उद्धव ठाकरे और उप सीएम अजीत पवार के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार का एक प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को दिल्ली में प्रधानमंत्री मोदी जी से मुलाकात करेंगे। वे मराठा आरक्षण, अन्य पिछड़ा वर्ग आरक्षण और चक्रवात ताउते राहत जैसे मुद्दों पर चर्चा करेगे।
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने इस साल 5 मई को महाराष्ट्र सरकार द्वारा 2018 में लाए गए मराठा समुदाय के लिए सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण को यह कहते हुए रद्द कर दिया था कि यह पहले से लगाई गई 50 प्रतिशत की सीमा से अधिक है। जस्टिस अशोक भूषण, एल नागेश्वर राव, एस अब्दुल नज़ीर, हेमंत गुप्ता और रवींद्र भट की पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने अपने फैसले में कहा कि मराठा समुदाय के लोगों को शैक्षिक और सामाजिक रूप से पिछड़ा वर्ग घोषित नहीं किया जा सकता है।
जानकारी के लिए बता दें कि उद्धव ठाकरे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर महाराष्ट्र में मराठा समुदाय को सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़ा वर्ग घोषित करने के लिए कदम उठाने का अनुरोध किया था। उद्धव सरकार का मानना है कि मराठा समुदाय को शिक्षा और सार्वजनिक रोजगार में कम से कम 12 फीसदी और 13 फीसदी आरक्षण मिलना चाहिए। इस पत्र में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने लिखा था, 'सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ के 5 मई, 2021 के फैसले से मुझे यह मौका मिला है कि मैं आपसे जल्द से जल्द आरक्षण देने के लिए उचित कदम उठाने का अनुरोध करूं।
सोमवार को यहां 10,219 लोग संक्रमित पाए गए। 21,081 लोग ठीक हुए और 340 लोगों की मौत हुई। राज्य में अब तक 58.42 लाख लोग संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। इनमें से 55.64 लाख लोग ठीक हो चुके हैं, जबकि 1 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। वर्तमान में 1.74 लाख मरीजों का इलाज चल रहा है।