अब लर्निगं लाइसेंस के लिए आपको लाइन में नहीं लगना होगा। वही कही ना कही महाराष्ट्र सरकार ने यह निर्णय कोरोना माहमारी को देखते हुए भी लिया है वही राज्य ने आरटीओ में भीड़ से बचने के लिए घर बैठे ऑनलाइन लर्निगं लाइसेंस उपलब्ध कराने की पहल की है। इस तकनीक संचालित पहल के साथ मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने सोमवार को आधार कार्ड के आधार पर पहली बार ऑनलाइन लर्नर्स लाइसेंस प्रणाली का शुभारंभ किया वही ठाकरे के इस कदम को काफी सरहानीय कदम भी बताया जा रहा है ।
गौरतलब है की उम्मीदवारों को अब अपग्रेड किए गए सारथी 4.0 पोर्टल पर लॉग इन करना होगा और पहले की तरह मामूली शुल्क देकर ऑनलाइन ड्राइवर लर्नर लाइसेंस के लिए आवेदन कर सकते हैं।
परिवहन मंत्री अनिल परब ने इसे क्रांतिकारी कदम करार देते हुए कहा कि राज्य सरकार औसतन 15 लाख से अधिक लर्नर्स ड्राइविंग लाइसेंस जारी करती है, इसके अलावा राज्य भर में अपने 50 आरटीओ के माध्यम से सालाना 20 लाख नए वाहनों का पंजीकरण करती है।
नई तकनीकों को लागू करने के अलावा दक्षता में सुधार करने में मदद करने का आह्वान किया।
उन्होंने कहा, यह काम न केवल अत्यधिक तनावपूर्ण है, बल्कि इसमें 100 करोड़ रुपये से अधिक की लागत भी लगी है और लगभग 200 अधिकारी इस प्रक्रिया में शामिल हैं। यह सब अब शिक्षार्थी ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने और महाराष्ट्र में नए वाहनों के ऑनलाइन पंजीकरण की ऑनलाइन प्रणाली के साथ जुड़ेंगे।
ठाकरे ने कहा कि परिवहन विभाग को तेज और पारदर्शी सेवाएं देने के अलावा सुरक्षित परिवहन सेवाओं को भी प्राथमिकता देनी होगी।
वे अब इसे ऑनलाइन विकल्प के माध्यम से प्राप्त कर सकते हैं।
उन्होंने राज्य में बेहतर सेवाएं प्रदान करने के प्रयासों के लिए समय, धन और ऊर्जा बचाने के लिए नई तकनीकों को लागू करने के अलावा दक्षता में सुधार करने में मदद करने का आह्वान किया।
परिवहन आयुक्त डॉ. अविनाश ढाकाने ने कहा कि उम्मीदवारों को अब अपने शिक्षार्थी ड्राइविंग लाइसेंस प्राप्त करने के लिए आरटीओ कार्यालयों में भीड़ का हिस्सा बनने की आवश्यकता नहीं होगी और वे अब इसे ऑनलाइन विकल्प के माध्यम से प्राप्त कर सकते हैं।
इसी प्रकार परिवहन विभाग द्वारा 8 जून को अधिसूचित सभी वाहनों के ऑनलाइन पंजीकरण के लिए मोटर वाहन निरीक्षकों द्वारा निरीक्षण के लिए वाहनों या भौतिक दस्तावेजों की आवश्यकता को समाप्त किया जाएगा।