मणिपुर

Manipur Election 2022: CM का चेहरा घोषित करने से क्यों डर रही है BJP?

मणिपुर में बीजेपी के मुख्यमंत्री चेहरे को लेकर अभी तक पार्टी की तरफ से कोई स्पष्टिकरण नही आया है। जिससे नेताओं में तमाम चर्चाएं हो रहीं हैं। CM चेहरा घोषित करने को लेकर पार्टी काफी डरी हुई है क्योंकि..

ChandraVeer Singh

कुलदीप चौधरी. सियासी घमासान के बीच तीनों राज्यों गोवा, पंजाब व उत्तराखंड में चुनाव सम्पन्न होने के बाद सब 10 मार्च का इंतजार कर रहें है। फिलहाल सबकी निगाहें मणिपुर में होने वाले विधानसभा चुनाव पर टिकी है। मणिपुर में 28 फरवरी और 5 मार्च को दो चरणों में मतदान होना है। 21 फरवरी को राहुल गांधी मणिपुर की राजधानी इम्फाल पहुंचे। और जनसभा करते हुए बीजेपी और आर एस एस पर हमला बोला। इससे पहले शुक्रवार को बीजेपी पार्टी अध्यक्ष जे पी नड्डा ने चुनावी घोषणा पत्र जारी किया था।

बीजेपी का CM चेहरा कौन?

अभी तक बीजेपी ने CM चेहरा स्पष्ट नही किया है जिस पर तरह - तरह की चर्चाएं हो रही हैं। हालांकि घोषणा पत्र जारी करते हुए पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बीरेन सिंह की काफी प्रशंसा की थी। बीरेन सिंह 2017 के विधानसभा चुनाव से चंद महीने पहले ही कांग्रेस से बीजेपी में आए थे और 5 साल तक किसी तरह गठबंधन की सरकार चलाते रहे। लेकिन अब उनके सामने चुनौती के बादल मंडरा रहे है।

कैबिनेट मंत्री विश्वजीत के पास राज्य सरकार के 6 विभाग है और उन्हें मुख्यमंत्री पद के दावेदार माना जाता रहा है। विश्वजीत के समर्थक के बार बीजेपी हाईकमान के पास बीरेन सिंह को CM पद से हटाने की गुहार भी लगा चुके है। जिससे इन दोनों के बीच की राजनीतिक लड़ाई साफ़ नज़र आती है। वही मुख्यमंत्री पद के दावेदारी में तीसरा नाम गोविंददास कौनथुजाम का है जो कि पिछले साल ही कांग्रेस को छोड़ बीजेपी का दामन थामा था।

बीजेपी को किस बात का डर

अब बीजेपी को डर इस बात का है कि अगर इन तीनों में से किसी भी नेता का चेहरा घोषित किया तो बाकी के नेताओं के समर्थक बगावत पर उतर जाएंगे। जिसका खामियाज़ा चुनाव में भुगतान पड़ सकता है।

वहीं बीजेपी ने इस बार अपने कार्यकर्ताओं के बजाय कांग्रेस से आए लोगों को बड़ी संख्या में टिकट दिया है इस वजह से पार्टी को चुनाव में नुकसान भी हो सकता है।

बता दें कि साल 2017 में हुए चुनाव में स्पष्ट बहुमत किसी भी पार्टी को नहीं मिला था। 28 सीटें लेकर कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनने के बावजूद सरकार नहीं बना पाई थी. तब बीजेपी को 21 सीटें मिली थीं, लेकिन उसने सियासी समीकरणों की ऐसी गोटी बैठाई कि क्षेत्रीय दलों के सहयोग से अपनी सरकार बना ली।

Diabetes से हो सकता है अंधापन, इस बात का रखें ख्याल

बीफ या एनिमल फैट का करते है सेवन, तो सकती है यह गंभीर बीमारियां

Jammu & Kashmir Assembly Elections 2024: कश्मीर में संपन्न हुआ मतदान, 59 प्रतिशत पड़े वोट

Vastu के अनुसार लगाएं शीशा, चमक जाएगी किस्मत

Tiger Parks: भारत के 8 फेमस पार्क,जहां आप कर सकते है टाइगर का दीदार