डेस्क न्यूज़ – सीबीआई ने उच्चतम न्यायालय से कहा है कि मुजफ्फरपुर आश्रय गृह यौन उत्पीड़न के 17 मामलों में जांच पूरी हो गई है और जिलाधिकारियों सहित संलिप्त सरकारी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए रिपोर्ट दायर कर दी गई है।
उच्चतम न्यायालय में दायर अपनी स्थिति रिपोर्ट में जांच एजेंसी ने कहा कि चार प्रारंभिक जांच में किसी आपराधिक कृत्य को साबित करने वाला साक्ष्य नहीं मिला और इसलिए कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है।
सीबीआई ने स्थिति रिपोर्ट में कहा, ''सभी 17 आश्रय गृह मामलों में जांच पूरी हो गई है। 13 नियमित मामलों में अंतिम रिपोर्ट सक्षम अदालत को भेजी गई है। चार प्रारंभिक मामलों की जांच पूरी हो गई है और आपराधिक कृत्य को साबित करने वाले साक्ष्य नहीं मिले और इसलिए इस मामले में प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है।''
इसने कहा, ''सभी मामलों में संलिप्त सरकारी सेवकों के खिलाफ कार्रवाई के लिए बिहार के मुख्य सचिव को सीबीआई की रिपोर्ट भेज दी गई है। मुजफ्फरपुर आश्रय गृह समेत सभी 17 आश्रय गृह मामलों की जांच पूरी हो गई है और सक्षम अदालत में अंतिम रिपोर्ट दायर कर दी गई है। सीबीआई रिपोर्ट के रूप में नोट को मुख्य सचिव के पास उपयुक्त कार्रवाई के लिए भेजा गया है।''
सीबीआई ने यह भी कहा कि बिहार सरकार से आग्रह किया गया है कि विभागीय कार्रवाई करे और सीबीआई के प्रारूप में जांच परिणाम मुहैया कर संबंधित एनजीओ का पंजीकरण रद्द करने और उन्हें काली सूची में डालने के लिए कहा गया है।
इसने कहा, ''बालिका गृह मुजफ्फरपुर के एक मामले में सुनवाई पूरी हो गई है और फैसला 14 जनवरी तक सुनाया जाएगा।''
बिहार के मुजफ्फरपुर में एक एनजीओ की ओर से संचालित आश्रय गृह में कई लड़कियों का यौन उत्पीड़न किया गया था और टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (टीआईएसएस) की रिपोर्ट के बाद मामला प्रकाश में आया था।