न्यूज – महाराष्ट्र में मंगलवार को राष्ट्रपति शासन लगाए जाने के बावजूद शिवसेना अब भी एनसीपी और कांग्रेस के साथ गठबंधन सरकार के गठन के रास्ते तलाश रही है। एनसीपी ऐसी किसी सरकार का हिस्सा बनने के लिए शिवसेना के साथ सीएम पद का ढाई-ढाई साल बंटवारा चाहती है।
एनसीपी मुख्यमंत्री पद भी दावा करना चाहती है, जिसने इन चुनावों में शिवसेना का 56 सीटों से से महज दो सीटें ही कम जीती थीं। एनसीपी-कांग्रेस-शिवसेना को मिलाकर 154 सीटें होती हैं, जो आसानी से बहुमत के लिए जरूरी 145 के आंकड़े को पार कर जाती है।
वहीं मंगलवार को राज्य में राष्ट्रपति शासन लगने के बाद शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कांग्रेस और एनसीपी के साथ विचारधाराओं को लेकर मतभेद की वजह से अस्थाई सरकार के दावों को खारिज करते हुए कहा, 'हम भले ही अलग विचारधाराओं से हैं, लेकिन हम साथ आ सकते हैं।'
उद्धव ने कहा, 'बीजेपी और शिवसेना सालों से साथ थे, लेकिन शिवसेना को कांग्रेस-एनसीपी के साथ जाना पड़ रहा है। हम इन दोनों के साथ ही आगे की बात करेंगे।'
सोमवार को शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के बीच हुई कई दौर की बातचीत बेनतीजा रही थी। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने विपरीत विचारधारा वाली पार्टी के साथ गठबंधन को लेकर जल्दबाजी न करने का फैसला किया। इसके बाद राज्यपाल ने तीसरी सबसे बड़ी पार्टी एनसीपी को सरकार गठन के लिए बुलाया, लेकिन एनसीपी द्वारा और समय मांगने पर उनका मौका भी हाथ से निकल गया।
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कांग्रेस नेता अहमद पटेल ने कहा कि स्थिति की बेहतर तस्वीर जानने से पहले शिवसेना के साथ गठबंधन करना बुद्धिमानी भरी नहीं होगा। उन्होंने कहा, 'पहले, हम बातचीत करेंगे। जब एक बार हमारे पास स्पष्टता होगी, तब हम शिवसेना से बात करेंगे।'