सिटी को प्रदूषण से बचाने के लिए सबसे प्रदूषित हॉट-स्पॉट में से एक आनंद विहार में शहर का सबसे बड़ा (24 मीटर) स्मॉग टॉवर बन रहा है। इसे आजादी की 75 वीं सालगिरह पर शुरू करने की योजना है।
हालांकि फील्ड इंजीनियरो पर इसे समय पर खत्म करने का दवाब है। लॉकडाउन की वजह से काफी समय बर्बाद हो चुका है, ऐसे में अब कम समय में ज्यादा काम करने की चुनौती है। लेकिन फिर भी इस नए प्रोजेक्ट के लिए सभी उत्साहित हैं।
आनंद विहार मेट्रो स्टेशन के करीब बन रहे सबसे बड़े एंटी स्मॉग टॉवर (Anti Smog Tower) के ग्राउंड फ्लोर पर करीब 40 पंखे लगे हैं। एक इंजीनियर ने बताया कि हवा का स्तर खराब से बेहद खराब हुआ तो पहियों की रफ्तार भी उसी हिसाब से बढ़ेगी।
ये अमेरिकन तकनीक से बनाया गया है यानि हवा का स्तर खराब होने पर सबसे ऊपरी हिस्सा प्रदूषित हवाओं को सोखकर टावर के बीच वाले हिस्से में फेंकेगा और बीच वाला इसे नीचे पंखो वाले हिस्सो में फेंकेगा। पंखों पर खास तकनीक के फिल्टर लगे होंगे जो 40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलेंगे और हवा को शुद्ध करके बाहर फेकेंगे।
दावा है कि शुद्ध हवा 1 से डेढ़ किलोमीटर के दायरें में फैल जाएगी। वहीं एक्सपर्ट का कहना है कि हवा की रफ्तार इतनी तेज़ होगी कि आस-पास के पेड़ भी जद में आ जाएंगे। इसके आसपास सड़क बनेगी और पानी निकालने के लिए ड्रेन भी बनाई जाएगी।
मौके पर पहुचे आजतक संवाददाता ने पाया कि एंटी स्मॉग टॉवर (Anti Smog Tower) को बिजली सप्लाई के लिए सब स्टेशन भी बनाया गया है। आपको बता दें कि दिल्ली में प्रदूषण दूर करने के लिए आनंद विहार में केंद्रीय प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड टाटा कंपनी के जरिए इस टावर का निर्माण करवा रहा है।
दिल्ली के कनॉट प्लेस में भी ऐसा ही एक स्मॉग टावर बनाया जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट से हरी झंडी मिल चुकी है और अब जल्द इस पर भी काम शुरू कर दिया जाएगा।