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जयपुर; “नो हॉर्न जोन” अभियान की शुरुआत आज, 70% ध्वनि प्रदूषण वाहनों के हॉर्न से

ध्वनि प्रदूषण को कम करने के लिए एक सप्ताह तक पूरे शहर में अभियान चलेगा

Kunal Bhatnagar

डेस्क न्यूज. शहर में वाहनों की बढ़ती संख्या ने ध्वनि प्रदूषण का 'डेसीबल' बढ़ा दिया है। 70 प्रतिशत ध्वनि प्रदूषण वाहनों के हॉर्न से होता है। नई तकनीक के वाहनों ने 'लक्जरी' दी है लेकिन उनके हॉर्न की तीव्रता 100 डेसिबल से ज्यादा मापी गई है। जानकारों का कहना है कि 55 डेसिबल से ज्यादा की आवाज आम आदमी के लिए खतरनाक है। प्रदूषण के शोर को कम करने के लिए यातायात पुलिस द्वारा एक पहल "'नो हॉर्न जोन" की जा रही है।

ध्वनि प्रदूषण को कम करने के लिए एक सप्ताह तक पूरे शहर में "नो हॉर्न जोन" अभियान चलेगा

ध्वनि प्रदूषण को कम करने के लिए यातायात पुलिस एक सप्ताह तक पूरे शहर में अभियान चलाएगी।

पहली बार गुलाबी पर्ची को काटा जाएगा

और मानसरोवर स्थित परामर्श केंद्र में समझाया जाएगा।

नए मोटर व्हीकल एक्ट के तहत काउंसलिंग में शामिल नहीं होने पर 1000 रूपय का चालान कटेगा।

आज ओटीएस चौराहे से शुरू होगा"नो हॉर्न जोन" अभियान

अभियान की शुरुआत बुधवार दोपहर 1 बजे जेएलएन मार्ग पर ओटीएस चौराहे से होगी।

अपर आयुक्त राहुल प्रकाश का कहना है कि शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर हॉर्न के दुष्प्रभाव को बताने वाले नारे लगाए जाएंगे.

बुधवार को ओटीएस पर जागरूकता के लिए लघु फिल्म दिखाएंगे। 'नो हॉर्न जोन' के साइन बोर्ड लगाए जाएंगे।

चौराहों पर नुक्कड़ नाटक के माध्यम से संदेश देंगे

चौराहों पर नुक्कड़ नाटक के माध्यम से संदेश देंगे। कुछ दिन पहले डीजीपी एमएल लाठेर ने शहर में अनावश्यक रूप से हॉर्न बजाने पर पुलिस आयुक्त आनंद श्रीवास्तव से चिंता व्यक्त की थी। इस पर पुलिस आयुक्त ने अभियान का रोडमैप तैयार किया।

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