सरकार ने आर्थिक विकास, रोजगार सृजन और सुदूरवर्ती क्षेत्रों में पहुंच आसान बनाने की दिशा में एक कदम और आगे बढ़ाते हुए ड्रोन नियमावली को सरल कर दिया, जिसके तहत रूट का निर्धारण करने के साथ ही ड्रोन का परिचालन, लाइसेंस, शुल्क एवं अन्य प्रक्रियाओं को आसान बना दिया गया है।
नागर विमानन मंत्रालय की ओर से गुरुवार को जारी ड्रोन नियमावली 2021 में बताया गया है कि मानवरहित एयरक्राफ्ट प्रणाली (यूएएस) जिसे आमतौर पर ड्रोन कहा जाता है से कृषि, खनन, आधारभूत संरचना, सर्विलांस, आपात स्थिति में कार्रवाई, परिवहन, मैपिंग, रक्षा क्षेत्र में काफी मदद मिलेगी। आसान इस्तेमाल, विविध उपयोग एवं सुदूर क्षेत्रों तक आसान पहुंच की बदौलत ड्रोन रोजगार सृजन और आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है। भारत के पास वर्ष 2030 तक वैश्विक ड्रोन हब बनने की अपार क्षमता है।
उधर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि नए ड्रोन नियमों से देश में ड्रोन के क्षेत्र में नए युग का सूत्रपात होगा और इससे स्टार्टअप को विशेष रूप से फायदा मिलेगा। श्री मोदी ने गुरुवार को सिलसिलेवार ट्वीट में कहा कि ड्रोन के बारे में नए नियम और कानून विश्वास तथा स्व प्रमाणन पर आधारित हैं। उन्होंने कहा कि नए नियमों में मंजूरी लेने, विभिन्न शर्तों को पूरा करने और अन्य बाधाओं को काफी हद तक कम किया गया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि नए ड्रोन नियम स्टार्टअप और इस क्षेत्र में काम करने वाले हमारे युवाओं के लिए बहुत अधिक मददगार साबित होंगे। इससे नवाचार और व्यवसाय के लिए नई संभावनाएं पैदा होंगी। साथ ही इससे नवाचार, प्रौद्योगिकी और इंजीनियरिंग के क्षेत्र में भारत की मजबूती से देश को ड्रोन हब बनाने में मदद मिलेगी।