देश में बिजली संकट के दावों के बीच ऊर्जा मंत्रालय ने सभी राज्यों को चेतावनी दी है कि अगर उन्होंने बढ़ती कीमतों का फायदा उठाने के इरादे से पावर एक्सचेंजों को बिजली बेची, तो केंद्रीय उत्पादकों की ओर से मिलने वाली बिजली में कटौती की जाएगी। वैश्विक स्तर पर बिजली की कीमतों में बढ़ोतरी के बाद, भारत में पिछले कई दिनों से कोयले की कमी के कारण कुछ पावर प्लांटों के बंद होने की खबरें हैं।
इस बीच कुछ राज्य ऐसे हैं जो अपने उपभोक्ताओं को बिजली आपूर्ति करने की बजाय कटौती कर रहे हैं और ऊंचे दामों पर पावर एक्सेंजों को बिजली बेच रहे हैं। ऐसा करने के लिए राज्य केंद्र की तरफ से मिल रही बिजली का इस्तेमाल कर रहे हैं। अब ऊर्जा मंत्रालय ने कहा है कि अगर राज्य अपने उपभोक्ताओं को बिजली न देकर ऊंचे दामों पर पावर एक्सेंजों को बिजली दे रहे हैं, तो ऐसे राज्यों को आबंटित की गई बिजली वापस लेकर जरूरतमंद राज्यों को दी जाएगी।
फिलहाल केंद्र सरकार द्वारा नियंत्रित बिजली उत्पादकों में एनटीपीसी लिमिटेड और दामोदर वैली कॉर्प शामिल हैं। इन कंपनियों द्वारा उत्पादित 15 फीसदी बिजली केंद्र के नियंत्रण में है, जो राज्यों को बेची जाती है। मंत्रालय के मुताबिक, जिन राज्यों के पास अतिरिक्त बिजली है, वे केंद्र सरकार को इसकी जानकारी दे, जिसके बाद जरूरतमंदों को यह बिजली आवंटित की जाएगी।
केंद्र सरकार की चेतावनी ऐसे समय में आई है जब कई राज्यों ने एक्सचेंजों पर ऊंची दरों की बिजली की शिकायत की है। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चि_ी लिखकर पावर एक्सेंजों पर बिजली की ऊंची दरों की शिकायत की थी।
जगन मोहन रेड्डी ने पीएम मोदी से कोयला आपूर्ति भी बढ़ाने की अपील की थी। वहीं, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को कोयले की कमी के चलते बिजली संकट पैदा होने को लेकर चेताया था।