Jaipur Lit Fest 2023: शाहरुख खान और दीपिका पादुकोण स्टारर फिल्म पठान पहला गाना 'बेशरम रंग' रिलीज होने के साथ ही यह फिल्म विवादों में फंस गई। हिंदू संगठनों के साथ मुस्लिम धर्मगुरु भी फिल्म पठान के विरोध में उतर आए। सोशल मीडिया पर फिल्म के बॉयकॉट की खूब मांग उठी। अब राजस्थान के जयपुर में चल रहे जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल (JLF) में इस फिल्म को शाहरुख खान के मुस्लिम होने से जोड़ कर विवाद को तूल दे दिया गया।
लिटरेचर फेस्टिवल में पहले ही दिन गुरुवार को 'बॉलीवुड की बुनियाद' सेशन में फिल्म समीक्षक अजीत राय ने कहा कि 'शाहरुख खान मुसलमान हैं, सिर्फ इसलिए उनकी फिल्म का विरोध किया जा रहा है। अगर वे मुस्लिम नहीं होते, तो यह विरोध नहीं होता। यह मैन्युफैक्चरर प्रोटेस्ट है, जिसका समर्थन मैं नहीं करता। मैं निजी रूप से, फिल्म क्रिटिक के रूप में फिल्म सेंसरशिप या किसी भी तरह की सेंसरशिप को नहीं मानता। दुनियाभर में क्रिएटिव सेंसरशिप कहीं नहीं है।
होटल क्लार्क्स आमेर में आयोजित जेएलएफ में फिल्म समीक्षक अजीत राय ने शाहरुख की फिल्म 'पठान' के विरोध को बेबुनियाद बताया।
उन्होंने कहा- बॉलीवुड में सिलेक्शन सबसे बड़ी समस्या है। क्या करना चाहिए? इस पर ध्यान नहीं दिया जाता। पहले की बात करें तो हमारी इंडस्ट्री पूरी दुनिया में दिखाई जाती थी। 'संगम' जैसी फिल्में कई देशों में तीन साल तक चली। इसलिए इसे बॉलीवुड नाम दिया गया। आज यह बॉलीवुड नहीं है। हॉलीवुड में एक फिल्म 2000 करोड़ में बनती है और 5000 करोड़ तक कमाती है। ऐसे में उनकी एक फिल्म हमारी पूरी इंडस्ट्री के बराबर है।
अजीत राय चर्चा जारी रखते हुए आगे कहा कि हम दुनियाभर में फिल्म बिजनेस की बात करें तो यूरोपियन मार्केट के मुकाबले हमारी जीडीपी 0.5 प्रतिशत है। पूरी बॉलीवुड इंडस्ट्री 5 हजार करोड़ रुपए की है। इससे बड़ी तो टीवी और न्यूज इंडस्ट्री है। लगभग 80 हजार करोड़ रुपए का टीवी मार्केट है। हमारी फिल्मों से ज्यादा जूतों का मार्केट है। यह भी 56 हजार करोड़ का है। बॉलीवुड का कोई क्रिएटिव माइंडसेट नहीं है। यही कारण है कि बॉलीवुड पिछड़ता जा रहा है। यह सही है कि यहां सबसे कम पैसा लेखन और क्रिएटिव माइंडसेट पर खर्च किया जाता है।'
ऑल इंडिया मुस्लिम त्योहार कमेटी (AIMTC) ने भी फिल्म 'पठान' का विरोध किया था। भोपाल में AIMTC के अध्यक्ष पीरजादा खुर्रम मियां चिश्ती ने कहा कि 24 घंटे के अंदर देशभर से उन्हें 400 से ज्यादा कॉल आए। कई लोग घर पर आए और पठान फिल्म को मुस्लिमों के खिलाफ बताया। उन्होंने कहा कि फिल्म में मुस्लिमों की भावनाओं को भड़काया गया है।
खुर्रम ने कहा, फिल्म में कानून और नियमों का मजाक उड़ाया गया है। मुस्लिम धर्म को बदनाम करने की अनुमति किसी को भी नहीं है, फिर चाहे वो शाहरुख खान हों या फिर कोई भी खान हो।