न्यूज- देशभर में कोरोना के खौफ और लॉकडाउन के बीच मध्य प्रदेश में भाजपा ने अपनी सरकार बना ली है, शिवराज सिंह चौहान को सोमवार को विधायक दल का नेता चुना गया, जिसके बाद उन्होंने चौथी बार मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।
शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार रात 9 बजे मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। 20 मार्च को कमलनाथ के इस्तीफे के बाद सीएम पद की दौड़ में शिवराज ही सबसे मजबूत दावेदार थे। मध्यप्रदेश के इतिहास में पहला मौका है, जब किसी नेता ने चौथी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।
शिवराज के सामने दो चुनौतियां होंगी। पहली विधानसभा में मंगलवार को विश्वास मत साबित करना होगा, जिसे वे फिलहाल आसानी से पार कर लेंगे। इसके बाद 6 महीने के भीतर 24 विधानसभा सीटों पर होने वाले उप-चुनाव की। इन 24 सीटों में से शिवराज को अपनी सत्ता कायम रखने के लिए कम से कम 9 सीटें जीतनी होंगी।
शिवराज पहली बार नवंबर 2005 में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बने थे. इसके बाद उन्होंने दिसंबर 2008 और दिसंबर 2013 में भी राज्य की कमान संभाली थी. आपको बता दें कि करीब साल भर पहले हुए चुनाव में राज्य में बीते 15 साल से चल रही भाजपा सरकार को लोगों ने दरकिनार करते हुए कांग्रेस को वोट दिया था. लेकिन हाल ही में मध्य प्रदेश से कमलनाथ सरकार की उस वक्त विदाई हुई जब कांग्रेस के 22 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया. ये सभी ज्योतिरादित्य समर्थक विधायक थे, सिंधिया के साथ अब ये सभी विधायक भाजपा में शामिल हो चुके हैं।
भाजपा के पास 106 विधायक हैं। 4 निर्दलीय उसके समर्थन में आए तो भाजपा की संख्या 110 हो जाती है। 24 सीटों पर उपचुनाव होने पर भाजपा को बहुमत के लिए 7 और सीटों की जरूरत होगी। अगर निर्दलीयों ने भाजपा का साथ नहीं दिया तो उपचुनाव में पार्टी को कम से कम 9 सीटें जीतनी होंगी।