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हिमाचल प्रदेश: चितकुल में ट्रैकिंग पर गए 8 पर्यटकों समेत 11 लोग लापता, खराब मौसम के बाद टूटा संपर्क; ITBP कर रही है तलाश

हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले में चीन सीमा से लगे चितकुल में ट्रेकिंग पर गए 8 पर्यटकों सहित कुल 11 लोग लापता हो गए हैं। समुद्र तल से करीब 20 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित लम्खागा दर्रा चोटी में इस दल के लापता होने की सूचना है।

Ishika Jain

हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले में चीन सीमा से लगे चितकुल में ट्रेकिंग पर गए 8 पर्यटकों सहित कुल 11 लोग लापता हो गए हैं। समुद्र तल से करीब 20 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित लम्खागा दर्रा चोटी में इस दल के लापता होने की सूचना है। यह टीम लम्खागा दर्रे की ट्रेकिंग के लिए निकली थी, लेकिन 17, 18 और 19 को खराब मौसम के कारण यह टीम लापता हो गई है। टीम में आठ सदस्य, एक रसोइया और दो गाइड शामिल हैं। जिला प्रशासन ने इन ट्रेकर्स का पता लगाने के लिए भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) से मदद मांगी है।

दिल्ली और कोलकाता के रहने वाले है ट्रैकर्स

प्रशासन के मुताबिक एक ही टीम के साथ गए हिमाचल के छह कुली पर्यटकों का सामान छोड़कर 18 अक्टूबर को चितकुल के रानीकांडा पहुंचे हैं। उम्मीद थी कि पर्यटक और खाना पकाने के कर्मचारी 19 अक्टूबर तक चितकुल पहुंच जाएंगे, लेकिन बुधवार सुबह तक पर्यटक टीम और खाना पकाने के कर्मचारियों का कोई पता नहीं चल सका है। लापता हुए 8 ट्रेकर्स दिल्ली और कोलकाता के रहने वाले हैं। ये सभी 11 अक्टूबर को हर्षिल से चितकुल के लिए निकले थे। उन्हें 19 अक्टूबर को वहां पहुंचना था, लेकिन मंगलवार को जब वे वहां नहीं पहुंचे तो ट्रेकिंग आयोजकों ने इसकी सूचना उत्तरकाशी जिला आपदा प्रबंधन कार्यालय को दी।

लापता लोग कौन हैं?

दिल्ली की अनीता रावत (38) और कोलकाता की मिथुन दारी (31), तन्मय तिवारी (30), विकास मकल (33), सौरव घोष (34), सावियन दास (28), रिचर्ड मंडल (30) और सुकेन मांझी (43) शामिल हैं। रसोइयों की पहचान देवेंद्र (37), ज्ञान चंद्र (33) और उपेंद्र (32) के रूप में हुई है, जो उत्तरकाशी के पुरोला के निवासी हैं। मिली जानकारी के मुताबिक वे लखवागा दर्रे के पास फंस गए हैं। जिला उपायुक्त आबिद हुसैन सादिक ने कहा कि आईटीबीपी और पुलिस गुरुवार सुबह बचाव अभियान शुरू करेगी।

Image Credit: Yashbharat

ITBP की टीम के द्वारा तलाश जारी

पश्चिम बंगाल और अन्य जगहों से आठ पर्यटकों का एक दल 11 अक्टूबर को मोरी सांकरी की ट्रैकिंग एजेंसी के जरिए हर्षिल से निकला था। इस टीम ने वन विभाग उत्तरकाशी से 13 से 21 अक्टूबर तक लम्खागा दर्रे तक ट्रैकिंग के लिए इनर लाइन परमिट भी लिया था। 17 से 19 अक्टूबर तक खराब मौसम के कारण यह टीम भटक गई। ट्रैकिंग टीम से संपर्क न होने पर सुमित हिमालयन ट्रैकिंग टूर एजेंसी ने उत्तराखंड सरकार और हिमाचल प्रदेश सरकार को पर्यटकों को सुरक्षित निकालने के लिए सूचित किया है।

इसके बाद प्रशासन ने फौरन क्यूआरटी टीम, पुलिस और वन विभाग की टीम को बचाव के लिए छितकुल कंडे की ओर भेजा है। उपायुक्त किन्नौर आबिद हुसैन सादिक ने कहा कि उत्तराखंड और चितकुल पहाड़ियों के बीच लमखागा दर्रे में ट्रेकिंग पर गए पर्यटकों के लापता होने की सूचना मिली है। लापता ट्रैकर्स का पता लगाने के लिए सीमा पर तैनात आईटीबीपी के जवानों से भी मदद मांगी गई है।

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