डेस्क न्यूज़- कोरोना महामारी की विडंबना, बिहार की राजधानी पटना के पुनपुन में घर में महिला
का शव तीन दिन से पड़ा रहा, चूंकि वह अकेली रहती थी, इसलिए किसी को पता भी नहीं चला,
तीन दिन बाद जब घर से बदबू आने लगी तो गांव के लोगों को इस बारे में पता चला,
अंत में गांव वालों ने महिला का अंतिम संस्कार किया, कोरोना के इस दौर में जब अपने अपनों से कन्नी लगे हैं,
ऐसे में गांव वालों ने कुछ परवाह किये बिना शव का अंतिम संस्कार किया।
घटना पुनपुन प्रखंड की डुमरी पंचायत के कोइरी बिगहा गांव की है,
गांव के अमरनाथ महतो उर्फ ओमप्रकाश महतो की कोई संतान नहीं है,
वह कटक (ओडिशा) में एक निजी कंपनी में काम करते हैं, उनकी पत्नी घर पर अकेली रहती थीं,
तीन दिन से महिला घर से नहीं निकल रही थी, लोगों को लगा कि कोरोना के डर से वह बाहर नहीं निकल रही है,
शुक्रवार सुबह उनके घर के पास से कुछ लोग गुजर रहे थे तो दुर्गँध महसूस हुई,
बाद में कुछ ग्रामीण चहारदीवारी फांद कर घर के अंदर घुसे तो देखा कि महिला बिस्तर पर मृत पड़ी है।
ग्रामीणों ने बताया कि शव को देखने से ऐसा लग रहा था कि उसकी मौत दो-तीन दिन पहले ही हो गई थी,
मौत कैसे हुई, फिलहाल यह पता नहीं चल सका, इस बीच सूचना पाकर मौके पर पुलिस भी पहुंची,
बाद में महिला के परिवार के अन्य सदस्य पहुंचे व ग्रामीणों के साथ मिल शव का अंतिम संस्कार कर दिया,
पुलिस ने बताया कि इस संबंध में महिला के परिवार के किसी सदस्य ने कोई लिखित शिकायत नहीं की है,
प्रथमदृष्टया ऐसा प्रतीत होता है कि उसकी स्वाभाविक मौत हुई है।
शुक्रवार को 45 वर्षीया महिला का शव ग्रामीणों में कोरोना का भय तो दिख रहा था
पर उसका प्रवाह नहीं करते हुए ग्रामीणों ने मृतका के कुछ अन्य परिजनों के साथ मिल उसका दाहसंस्कार कर दिया,
इधर पुलिस इसे स्वाभाविक मौत बता रही थी, महिला की कोविड जांच नहीं हुई थी।