न्यूज़- कोरोना वायरस संक्रमण के चलते लाखों गरीब लोगों का जीवन संकट में हैं। इन लोगों की मदद के लिए हर कोई अपनी क्षमता के अनुसार आगे आ रहा है, ताकि कोई भी भूखा नहीं सोए। लेकिन असम में एक युवक ने मानवीयता की मिसाल कायम की है। असम के होजई जिले में रहने वाले एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी का श्राद्ध करने की बजाए गरीब और जरूरतमंद लोगों में फल बांटा। बता दें कि किसी की मृत्यु हो जाने के बाद उसके रिश्तेदार या परिवार के सदस्य उनके सम्मान में श्राद्ध करते हैं।
गोपाल गोगोई जिनकी उम्र 52 वर्ष है, वह भेलुगुरी गांव में रहते हैं और पेशे से एक ड्राइवर हैं। वह हर वर्ष अपनी पत्नी का धर्मकांड के अनुसार श्राद्ध करते हैं। लेकिन इस बार उन्होंने श्राद्ध करने की बजाए गरीबों की मदद करने का फैसला लिया। पूरे देश में लॉकडाउन होने के कारण गोपाल ने इस वर्ष श्राद्ध नहीं करने का फैसला लिया, बल्कि इसकी जगह उन्होंने 32 गरीब परिवारों को खाना मुहैया कराया है। गोपाल बताते हैं कि वह जरूरतमंद लोगों की मदद करके बहुत खुश हैं। उनकी पत्नी के लिए इससे अच्छी श्रद्धांजलि कोई और नहीं हो सकती है।
गोपाल ने बताया कि मैंने इस बारे में अपने गांव के लोगों से सुझाव लिया था, जिसके बाद मैंने फैसला लिया कि मैं गरीब और जरूरतमंद लोगों की मदद करूंगा और उन्हें खाना मुहैया कराउंगा। बता दें कि असम में कोरोना वायरस से संक्रमित 32 मामले आ चुके हैं। 10 अप्रैल को हैलकांडी जिले में एक कोरोना संक्रमित युवक की मौत भी हो गई थी।
गौरतलब है कि कोरोना वायरस से अभी तक भारत में कुल 12380 मामले सामने आ चुके हैं, जबकि 414 लोगों की मौत हो चुकी है। अच्छी खबर ये है कि 1489 लोग स्वस्थ्य होकर अपने घर भी लौट चुके हैं, ऐसे में कुल एक्टिव कोरोना के केस की संख्या 10477 है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आज मीडिया से बात करते हुए अपील की है कि कोरोना संक्रमण की रैंडम टेस्टिंग की जाए और टेस्टिंग को बढ़ाया जाए।