ब्यूरो रिपोर्ट. उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले ताबड़तोड़ कार्रवाई का दौर शुरू हो चुका है। इस कड़ी में समाजवादी पार्टी के 3 बड़े नेताओं के ठिकानों पर एक साथ शनिवार को आयकर विभाग ने छापेमारी की।
सूत्रों के अनुसार मऊ में सपा के राष्ट्रीय सचिव राजीव राय, लखनऊ में जैनेंद्र यादव और मैनपुरी में मनोज यादव के घरों पर छापेमारी जारी है। ये तीनों नेता सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के बेहद करीबी माने जाते हैं।
इन सभी को पार्टी के लिए फंड जुटाने वाला माना जाता है। जैनेंद्र यादव अखिलेश के मुख्यमंत्री कार्यकाल में ओएसडी रह चुके हैं। दरअसल चुनाव से पहले उत्तरप्रदेश में हुई इस छापेमारी की कार्रवाई को राजनीतिक नजरिए से भी देखा जा रहा है।
अखिलेश यादव भी राजीव राय को घोसी से चुनाव लड़ना चाहते हैं
शनिवार सुबह करीब सात बजे मऊ स्थित राजीव राय के शहादतपुरा स्थित आवास पर छापेमारी की खबर आई। राजीव राय ने 2014 में लोकसभा का चुनाव लड़ा था। राय के दुबई और बैंगलोर में मेडिकल कॉलेज हैं। इनकम टैक्स के छापे की खबर मिलते ही उनके समर्थक बड़ी संख्या में उनके घर पर जमा हो गए और भाजपा सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे।
राजीव राय का पॉलिटिकल कॅरियर की बात करें तो वे शुरू से ही सपा से जुड़े रहे हैं। उन्हें भूमिहार नेता के रूप में जाना जाता है। मऊ, बलिया और गाजीपुर क्षेत्र में वे भूमिहारों के बीच अपनी अच्छी पकड़ रखते हैं। वह मूल रूप से बलिया के रहने वाले हैं।
अखिलेश यादव भी राजीव राय को घोसी से चुनाव लड़ना चाहते हैं। इसके लिए वह तीन महीने पहले मऊ शिफ्ट हुए है। अब उन्होंने वहीं अपना निवास बनाकर वहां अपना कार्यालय शुरू कर दिया है।
छापेमारी यदि आईटी मोटी रकम वसूल करने में सफल होती है तो सपा को फंडिंग के लिहाज से अप्रत्यक्ष तौर पर नुकसान होगा।
अखिलेश यादव ने सपा प्रवक्ता राजीव राय के यहां की गई छापेमारी पर कहा कि चुनाव को देखते हुए सब किया जा रहा है। इनकम टैक्स रिटर्न निकालने के समय क्यों नहीं देखा गया। पार्टी और नेता इससे डरने वाले नहीं है। भारतीय जनता पार्टी कांग्रेस के रास्ते पर चल रही है।कांग्रेस का पुराना इतिहास उठा कर देखिए, जब भी डराना होता था तो इन्हीं संस्थाओं का इस्तेलमाल कर डराया जाता था।अखिलेश यादव ने कहा कि बीजेपी कह रही थी हम रामराज्य लाएंगे। लेकिन जो समाजवाद का रास्ता है, वही रामराज्य लाएगा।सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष‚ अखिलेश यादव
वीडियो में सुनिए रायबरेली में अपनी रैली के दौरान आयकर कार्रवाई को लेकर क्या कहा
इधर, लखनऊ में जैनेंद्र यादव के गोमती नगर स्थित आवास पर भी आयकर टीम ने छापा मारा है। अखिलेश से नजदीकियों के कारण यादव ओएसडी बने थे।
इसके बाद जैनेंद्र यादव ने रियल एस्टेट में हाथ आजमाया। जैनेंद्र की आगरा, लखनऊ और कई अन्य शहरों में जमीनें हैं।
वहीं उनकी मिनरल वाटर की फैक्ट्री भी है। ऐसे में माना जा रहा है कि यदि यादव के घर छापेमारी यदि आईटी मोटी रकम वसूल करने में सफल होती है तो सपा को फंडिंग के लिहाज से अप्रत्यक्ष तौर पर नुकसान होगा।
वहीं मैनपुरी में भी मनोज यादव के घर पर छापेमारी की कार्रवाई को अंजाम दिया गया है। उनके घर के बाहर अलसुबह 12 गाड़ियों के काफिले के साथ आयकर विभाग की टीम पहुंची। घर को चारों तरफ से घेर लिया गया।
2 घंटे से लगातार अधिकारी पूछताछ कर रहे हैं। मनोज आरसीएल ग्रुप के चेयरमैन हैं। वे लंबे समय से मैनपुरी में जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर पकड़ बनाए हुए हैं। मनोज को सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के खास लोगों में मना जाता है।
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