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VIDEO; झारखंड में छुट्टी ना मिलने पर PNB कर्मचारी ऑक्सीजन सपोर्ट के साथ पहुंचा ऑफिस

Dharmendra Choudhary

डेस्क न्यूज़: झारखंड के बोकारो जिले में (PNB) पंजाब नेशनल बैंक के एक कर्मचारी के साथ अमानवीय व्यवहार की एक चौंकाने वाली तस्वीर सामने आई है। बैंक कर्मी ऑक्सीजन सिलिंडर के साथ बैंक पहुंचा। PNB अधिकारियों पर कर्मचारी द्वारा प्रताड़ित करने का आरोप लगाया गया है। बैंक कर्मी का कहना है कि वह कोरोना से पीड़ित था, ठीक होने के बाद फेफड़ों में संक्रमण के बाद ऑक्सीजन सपोर्ट पर हैं, लेकिन बैंक के अधिकारी उन्हें काम पर बुलाते हैं।

बैंककर्मी ने बैंक अधिकारियों पर लगाए घंभीर आरोप

पूरा मामला बोकारो के सेक्टर 4 स्थित पंजाब नेशनल बैंक का है। यहां कार्यरत अरविंद कुमार ने बताया कि वह कुछ दिन पहले ही कोरोना से संक्रमित हो गए थे। उन्होंने कहा कि 10 दिनों तक बुखार में रहने के बाद वह अभी ठीक हुए ही थे। लेकिन ठीक होते ही उनके फेफड़ों में संक्रमण की समस्या हो गई थी। वे तब से ऑक्सीजन सपोर्ट पर हैं। अरविंद ने आरोप लगाया कि इस हालत में भी बैंक अधिकारियों ने उन्हें काम पर बुलाया। अधिकारियों ने पेमेंट को लेकर भी खींचतान की।

ऑक्सीजन सिलिंडर लेकर शाखा पंहुचा बैंक कर्मी

अधिकारियों द्वारा छुट्टी न मिलने पर अरविंद मंगलवार को अपनी पत्नी और बेटे के साथ ऑक्सीजन सिलेंडर लेकर शाखा पहुंचे। उनके परिवार ने एक वीडियो बनाया और इसे ऑनलाइन पोस्ट किया। इसके बाद वीडियो वायरल हो गया। वीडियो में अरविंद सीढ़ियों से एक अधिकारी के केबिन तक जाते हुए दिखाई दे रहा है, जहां उसके परिवार और बैंक अधिकारी के बीच तीखी बहस होती है। वीडियो के अंत में वह मैनेजर से पूछता है कि उसे क्यों परेशान किया जा रहा है।

बैंककर्मी पहले ही दे चुका है इस्तीफा

वीडियो में वो कहते हैं कि मैं बीमार हूं और मेरी हालत नाजुक है। अरविंद कहते हैं, "डॉक्टरों ने कहा है कि मुझे ठीक होने में कम से कम तीन महीने लगेंगे क्योंकि संक्रमण फेफड़ों में फैल गया है।" उन्होंने बैंक से वेतन भुगतान की भी मांग की। आरोप है कि उनका भुगतान रोक दिया गया है। परिवार के एक सदस्य ने कहा कि अगर बैंक अधिकारियों ने उनकी छुट्टी मंजूर नहीं की तो उन्होंने इस्तीफा दे दिया था। लेकिन बैंक द्वारा यह भी स्वीकार नहीं किया गया। अब वे वेतन काटने की धमकी दे रहे हैं।

बैंक ने तोह ऊलटा बैंक कर्मी पर ही लगा दिए आरोप

वहीं, बैंक की ओर से एक बयान भी जारी किया गया है। बैंक का कहना है कि अरविंद कुमार के खिलाफ विभागीय जांच चल रही है और उन्होंने लोन अकाउंट के एनपीए होने की स्थिति में वसूली की कार्यवाही को रोकने के लिए यह ड्रामा किया है। बैंक ने अपने बयान में कहा है कि यह कहना गलत है कि उन्हें कोविड से उबरने के दौरान कार्यालय आने के लिए मजबूर किया गया था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अरविंद ने मैनेजर का पद संभाला और इस्तीफा दे दिया, लेकिन विभागीय जांच जारी होने के कारण उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया गया। इसके अलावा अरविंद बिना पूर्व अनुमति के दो साल से अधिक समय से बैंक से अनुपस्थित हैं।

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