पश्चिम बंगाल

West Bengal: जज को धमकी, पत्र में लिखा- TMC नेता को जमानत नहीं मिली तो होगा बुरा अंजाम

आसनसोल (West Bengal) की सीबीआई स्पेशल कोर्ट के जज राजेश चक्रवर्ती को धमकी भरा पत्र मिला है। टीएमसी नेता (Anubrata Mandal) अनुब्रत मंडल को जमानत नहीं देने पर परिवार को फंसाने की बात की गई है। बता दें कि टीएमसी नेता अनुब्रत मंडल ममता के करीबी है। अब इस पूरे मामले पर बीजेपी ने टीएमसी सरकार पर निशाना साधा है।

Kunal Bhatnagar

जब देश के लोकतंत्र का अहम हिस्सा न्यायपालिका ही डर के माहौल में हो तो क्या एक जज निष्पक्ष फैसला लेने में सक्षम हो पाएगा? जी बिल्कुल सही सोच रहे है आप.. जज डर के साय में निष्पक्ष फैसला नहीं कर पाएगा। कुछ इसी तरह से एक न्यायधीश को पं बगाल में डराने का प्रयास किया जा रहा है। टीएमसी के नेता अनुब्रत मंडल (Anubrata Mandal) को जमानत नहीं देने पर सीबीआई कोर्ट के एक जज को भी इस तरह का एक धमकी भरा पत्र मिला है।

आसनसोल (West Bengal) की सीबीआई स्पेशल कोर्ट के जज राजेश चक्रवर्ती को धमकी भरा पत्र मिला है। जज ने खुद बताया है कि उन्हें पत्र भेजकर धमकी दी गई है। कहा गया है कि अगर टीएमसी नेता अनुब्रत मंडल को जमानत नहीं दी गई तो पूरे परिवार को एनडीपीएस एक्ट में फंसा दिया जाएगा।

कौन बचा रहा है अनुब्रत मंडल (Anubrata Mandal) को?

न्यायाधीश राजेश चक्रवर्ती ने इस धमकी भरे पत्र से जिला न्यायाधीश और कलकत्ता उच्च न्यायालय को अवगत करा दिया है। बीजेपी प्रवक्ता अमित मालवीय बंगाल की सीएम ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए कहा कि ममता बनर्जी ने बाहुबली नेता अनुब्रत मंडल को गिरफ्तारी के बाद भी बचा रही हैं।

अभी रिमांड पर है अनुब्रत मंडल (Anubrata Mandal)

बता दें कि पशु तस्करी मामले में टीएमसी बीरभूम जिलाध्यक्ष और बाहुबली नेता अनुब्रत मंडल को सीबीआई ने गिरफ्तार किया है। वे अभी रिमांड पर हैं। सीबीआई लगातार अनुब्रत मंडल के रिश्तेदारों के काले धन का खुलासा कर रही है।

20 अगस्त को जमानत याचिका खारिज हुई

सीबीआई अदालत ने 20 अगस्त को TMC नेता अनुब्रत मंडल की जमानत याचिका को खारिज करने के साथ हिरासत को 24 अगस्त तक बढ़ाने के आदेश दिए थे। अनुब्रत पर यह कार्यवाही 2020 के पशु तस्करी के एक मामले में हुई है। अनुब्रत को 20 अगस्त को कोर्ट में पेश करने से पहले मेडिक चेकअप कराया गया था।

11 अगस्त को लिया गया था हिरासत में
TMC नेता अनुब्रत मंडल को सीबीआई ने 10 बार समन भेजा था, लेकिन मंडल अपने स्वास्थ्य का हवाला देकर फरार हो गए थे। उसके बाद सीबीआई ने कार्यवाही करते हुए 11 अगस्त को बीरभूम जिले के बोलपुर स्थित उनके आवास से गिरफ्तार कर लिया था।

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