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अंबिका सोनी का नाम मुख्यमंत्री की रेस में सबसे आगे, आखिर कौन होगा पंजाब का नया मुख्यमंत्री ?

पंजाब के CM चेहरे के लिए शनिवार रात राहुल गांधी के घर बैठक हुई थी, जिसमें अंबिका सोनी को भी बुलाया गया था, इसी वजह से उनका नाम सामने आया, उनके अलावा पूर्व प्रधान सुनील जाखड़ भी दौड़ में बने हुए हैं

Deepak Kumawat

डेस्क न्यूज़- कैप्टन अमरिंदर सिंह के इस्तीफे के बाद पंजाब का नया CM कौन होगा? इसको लेकर कांग्रेस का मंथन जारी है, अभी तक की जानकारी के मुताबिक नए चेहरे के तौर पर अंबिका सोनी का नाम सबसे आगे चल रहा है, अंबिका सोनी पंजाब से राज्यसभा सांसद हैं, उन्हें गांधी परिवार का करीबी माना जाता है, पंजाब के CM चेहरे के लिए शनिवार रात राहुल गांधी के घर बैठक हुई थी, जिसमें अंबिका सोनी को भी बुलाया गया था, इसी वजह से उनका नाम सामने आया, उनके अलावा पूर्व प्रधान सुनील जाखड़ भी दौड़ में बने हुए हैं, इन दोनों में से किसी एक के नाम पर मुहर लगी तो 55 साल बाद पंजाब को पहला हिंदू CM मिलेगा।

पहले विधायक दल की बैठक में होना था फैसला

पहले यह फैसला शनिवार रात को ही विधायक दल की बैठक में होना था, इसीलिए नया चेहरा चुनने का अधिकार सोनिया गांधी को देकर प्रस्ताव तुरंत ई-मेल से भेजा गया, जिसके बाद कांग्रेस के पूर्व प्रधान सुनील जाखड़ का CM बनना लगभग तय माना जा रहा था, हालांकि अचानक पंजाब के सिख स्टेट होने की वजह से सिख चेहरे की मांग भी उठ गई है, जिसके बाद कांग्रेस हिंदू व सिख चेहरे के चक्कर में फंस गई है।

दो डिप्टी CM के फार्मूले पर भी कांग्रेस का मंथन

सिख व हिंदू चेहरे के चक्कर में फंसी कांग्रेस के भीतर अब एक CM और दो डिप्टी सीएम फार्मूले पर विचार हो रहा है, अगर किसी हिंदू चेहरे को CM बनाया जाता है तो फिर एक जट सिख और एक दलित डिप्टी सीएम बनाया जा सकता है, अगर सिख चेहरे को CM बनाया जाता है तो फिर एक हिंदू और एक दलित नेता को डिप्टी सीएम बनाया जा सकता है, इस फार्मूले के जरिए कांग्रेस विरोधियों व खासकर अकाली दल के एक हिंदू और एक दलित को डिप्टी सीएम बनाने के चुनावी वादे का भी तोड़ निकाल सकती है, हालांकि अंतिम मुहर विधायक दल की बैठक में ही लगेगी।

हाईकमान जाखड़ पर था राजी, विधायक सिद्धू पर सहमत हुए

कांग्रेस हाईकमान सुनील जाखड़ को मुख्यमंत्री बनाने के पक्ष में है, इसका संदेश उन्हें भेज दिया गया है, जिसके बाद जाखड़ ने राहुल गांधी के गुण गाते हुए ट्वीट भी किया है, दिल्ली से आए ऑब्जर्वरों को भी यही बात कहकर भेजी गई, हालांकि CLP की बैठक के बाद सिख चेहरे के रूप में सुखजिंदर रंधावा व नवजोत सिद्धू का नाम भी सामने आया, सिद्धू के नाम पर ज्यादातर विधायक सहमत दिखे, जिसके बाद शनिवार देर रात नाम की घोषणा को टाल दिया गया।

हिंदू-सिख का सियासी गणित साधने में जुटी कांग्रेस

सिद्धू को प्रधान बनाने के बाद पंजाब में कांग्रेस का हिंदू-सिख गणित गड़बड़ा गया था, CM व पार्टी प्रधान की कुर्सी पर दोनों जट सिख चेहरे हो गए, जिसे देखते हुए अब मंथन चल रहा है कि वही संतुलन फिर कायम किया जाए, कांग्रेस हाईकमान इसीलिए पंजाब में हिंदू CM बनाना चाहता है, लेकिन विधायक इस पर राजी नहीं हैं।

विरोधियों के हिंदू डिप्टी सीएम दांव का तोड़

कांग्रेस की इस सियासी उठापटक के बीच बड़ा निशाना विपक्षी अकाली दल के हिंदू डिप्टी सीएम के दांव को भी फेल करना है, अगर कांग्रेस हिंदू मुख्यमंत्री बना देती है तो चुनाव में हिंदू वोट बैंक को बटोरने में उसे आसानी रहेगी, यही वोट बैंक चुनाव में कांग्रेस की बड़ी ताकत भी रहता है, खासकर ऐसे वक्त में जब अकाली दल ने BJP से गठजोड़ तोड़ लिया है।

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