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बिहार-झारखंड में भारत बंद का मिलाजुला असर

केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ केंद्रीय मजदूर संघों के राष्ट्रव्यापी बंद के आह्वान का बुधवार को बिहार और झारखंड में मिलाजुला असर देखा गया

Deepak Kumawat

डेस्क न्यूज़केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ केंद्रीय मजदूर संघों के राष्ट्रव्यापी बंद के आह्वान का बुधवार को बिहार और झारखंड में मिलाजुला असर देखा गया। झारखंड में अन्य क्षेत्रों में बंद का कोई खास असर नहीं दिख रहा है, परंतु कोयलांचल में बंद का प्रभाव दिख रहा है, बिहार की राजधानी सहित कई क्षेत्रों में बंद के समर्थन में श्रमिक संगठनों के लोग सड़क पर उतरे और जुलूस निकाला। बंद को लेकर अभी तक इन दोनों राज्यों में कहीं से भी किसी अप्रिय घटना की कोई खबर नहीं है, बिहार में इस बंद को लेकर वामपंथी दल के नेता और कार्यकर्ता भी सड़क पर उतर गए हैं।

राजधानी पटना में श्रमिक संगठनों और वामपंथी दल के नेताओं ने बंद के समर्थन में 'मार्च' निकाल कर सरकार की नीतियों का विरोध किया। राजेंद्र नगर टर्मिनल और पटना जंक्शन पर कई संगठनों के लोगों ने प्र्दशन किया, जिसके बाद पुलिस ने उन्हें वहां से हटा दिया, बेगूसराय में ट्रेड यूनियन हड़ताल समर्थकों ने बस स्टैंड के पास एनएच 31 को कुछ देर के लिए जाम किया, जिससे आवागमन प्रभावित हुआ।

मोतिहारी, खगड़िया, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, भोजपुर में बंद समर्थक सड़क पर उतरे। बंद से कई जगहों पर सड़क और रेल आवागमन बाधित हुआ। इधर, जहानाबाद और अरवल में भी बंद समर्थकों ने कई मुख्य मार्गो को जाम कर दिया। हड़ताल के कारण सरकारी कार्यालयों में भी असर दिखा। बैंक और बीमा कंपनियों के हड़ताल में शामिल होने के कारण सड़कों पर आवाजाही कम देखी जा रही है।

भाकपा (माले) के बिहार प्रदेश सचिव कुणाल ने बताया कि केंद्र की मोदी सरकार की किसानमजदूर और जनविरोधी नीतियों के खिलाफ बुधवार का बंद ऐतिहासिक है। वाम दलों के तमाम नेता एवं कार्यकर्ता बंद को सफल बनाने के लिए सड़क पर उतरे हैं।

इधर, झारखंड में अन्य क्षेत्रों में बंद का कोई विशेष प्रभाव नहीं दिख रहा, परंतु कोयलांचल में केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ मजदूर संगठनों और वामदलों के बुलाए देशव्यापी बंद का खासा असर देखने को मिल रहा है।

रामगढ़ शहर में बैंक भी बंद रहे और मजदूर संगठनों के लोगों ने बाजार बंद करा दिया। रामगढ़ जिले के उरीमारी, सयाल, रजरप्पा, तोपा, करमा, चरही, भुरकुंडा, वेस्ट बोकारो आदि कोयला खदानों में उत्पादन और ढुलाई का कार्य पूरी तरह ठप हो गया है। धनबाद और जमशेदपुर में भी बंद का मिलाजुला प्रभाव देखा जा रहा है। धनबाद में भी कोयला खदानें बंद देखी गईं। बोकारो स्टील प्लांट के मुख्य द्वार पर श्रमिकों ने विरोध प्रदर्शन किया।

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