हम जिस दुनिया की बात कर रहे है, वह है एक आभासी दुनिया, जो बनी है 'METAVERSE' से

 

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मेटावर्स की दुनिया में आपका स्वागत है, ये है 2022 !

एक ऐसी दुनिया जहां ज़मीन है, आपका घर हो सकता है, दुकानें हैं, स्टॉल्स हैं और पूरे बाजार कि इकोनमी को मैनेज करने के लिए एक मुद्रा भी है। आप अगर म्यूजिशियन हैं तो यहाँ कॉन्सर्ट कर सकते हैं, कलाकार हैं तो आर्ट गैलरी लगा सकते हैं। लेकिन माफ करना आप यहां रह नहीं सकते । आप सोच रहे होंगे कि ये कैसी दुनिया ?

Ishika Jain

एक ऐसी दुनिया जहां ज़मीन है, आपका घर हो सकता है, दुकानें हैं, स्टॉल्स हैं और पूरे बाजार और इकोनमी को मैनेज करने के लिए एक मुद्रा भी है। आप अगर म्यूजिशियन हैं तो यहाँ कॉन्सर्ट कर सकते हैं, कलाकार हैं तो आर्ट गैलरी लगा सकते हैं। लेकिन माफ करना आप यहां रह नहीं सकते । आप सोच रहे होंगे कि ये कैसी दुनिया ?

दरअसल, हम जिस दुनिया की बात कर रहे है, वह है एक आभासी दुनिया, जो बनी है 'METAVERSE' से । मेटावर्स एक ऐसी तकनीक है जो ऑगमेंटेड रियलिटी और वर्चुअल रियलिटी का मिक्सअप है।

मेटावर्स दुनिया के बारे में जानने से पहले जान लेते हैं कि ऑगमेंटेड रियलिटी और वर्चुअल रियलिटी क्या है ? क्या अगले कुछ सालों के अंदर मेटावर्स आज के इंटरनेट को रिप्लेस कर देगा? मेटावर्स का भविष्य क्या है और ये क्या कमाल कर सकता है ? मेटावर्स में अभी क्या चल रहा है, इन सबको भी जान लेते हैं ।

क्या है वर्चुअल रियलिटी ?

वर्चुअल रियलिटी [ VR ] एक ऐसी तकनीक है जिसके माध्यम से हम जो कल्पना कर सकते हैं, उसका अनुभव कर रोमांचित भी हो सकते है। फिर चाहे वो कोई गेम हो या फिर कोई 3D VR Movie हो। वर्चुअल रियलिटी एक ऐसी टेक्नोलॉजी है, जिसमें रियल वर्ल्ड की बजाय एक अलग वर्चुअल दुनिया बनाई जाती है। Virtual Reality का प्रयोग 3D Environment में High Visual Multimedia से संबंधित Application के लिए किया जाता है। इसमें अर्टिफिशियल वातावरण को ख़ास Hardware और Software की मदद से बनाया जाता है, जिससे यूजर को वह Artificial Environment एक असली दुनिया की तरह लगता है।

क्या है ऑगमेंटेड रियलिटी ?

ऑगमेंटेड रियलिटी [ AR ] को हम वर्चुअल रियलिटी से एक कदम आगे की स्थिति कह सकते हैं । इसमें वर्चुअल डाटा के साथ वास्तविक डाटा का इस्तेमाल किया जाता है, जैसे Real Videos और Photos आदि। यानि हम कह सकते है कि ऑगमेंटेड रियलिटी काल्पनिक और वास्तविक्ता का गठजोड़ है। इस तकनीक का इस्तेमाल डिजिटल गेमिंग, शिक्षा, सैन्य प्रशिक्षण, इंजीनियरिंग डिजाइन, रोबोटिक्स, शॉपिंग, और चिकित्सा आदि के क्षेत्र में किया जा रहा है। उदाहरण के तौर पर कई गेम्स को ले सकते हैं जिसमें बच्चों को एक पूरी दुनिया का अहसास करवाती है । इसमें पोकेमोन और ब्ल्यू व्हेल जैसे विवादित गेम भी शामिल हैं।

METAVERSE को समझने के लिए शुरुआत करते है Web से

Web 1.0: 1989 में World Wide Web यानी WWW की शुरुआत हुई, तब ज्यादातर चीजें केवल केवल टेक्स्ट फॉर्म में हुआ करती थी। वेब 1.0 में हम सिर्फ डाटा को रीड कर सकतें है। इसमें फोटो भी शामिल नहीं थी मतलब कि वो दौर जब न्यूजपेपर में भी सिर्फ खबर ही आती थी फोटोज नहीं ।

Web 2.0 : वेब 1.0 के बाद आया Web 2.0, जो वर्तमान में हम प्रयोग कर रहे है। Web 2.0 में टेक्स्ट भी है, ऑडियो और वीडियो भी है। साथ ही 3D और इमर्सिव एक्स्पीरिएंस भी Web 2.0 में मिलता है।

लेकिन अब यहाँ सवाल यह उठता है कि क्या दुनिया और हमारी टेक्नोलॉजी Web 2.0 तक ही सिमित है। बस यही से शुरुआत होती है 'METAVERSE' की कहानी। ऐसा इसलिए क्योंकि 'METAVERSE' को Web 3.0 कहा जा रहा है। 15 साल चलने के बाद अब Web 2.0 खत्म होने को आया है और Web 3.0 यानी Metaverse की शुरुआत हो रही है। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि आने वाले 5 से 10 सालों में इंटरनेट इस्तेमाल करने का तरीका पूरी तरह बदल जाएगा और लोग एक नई दुनिया में प्रवेश कर जाएंगे, ये नई दुनिया होगी मेटावर्स की।

METAVERSE

इतिहास में पहली बार किसने लिया मेटावर्स का नाम ?
सबसे बड़ा सवाल यह है कि मेटावर्स का नाम कहाँ से, कैसे और कब आया ? बता दें कि, मेटावर्स टर्म का इस्तेमाल सबसे पहले 1992 में स्टीवन स्टीफेंसन ने अपनी साइंस फिक्शन नॉवेल 'Snow Crash' में किया था। स्टीवन स्टीफेंसन ने कल्पना की थी कि मेटावर्स एक ऐसा स्पेस होगा, जहां लोग अपने अवतार के जरिए एक दूसरे के साथ बातचीत कर पाएंगे। अब जानते है कि मेटावर्स आखिर है क्या ?

नई दुनिया का नाम मेटावर्स ही क्यों ?

Metaverse नाम का मतलब देखे तो इसका मतलब होता है – “संसार से परे"। Meta का मतलब होता है Beyond यानि 'के परे' और verse का मतलब 'ब्रह्मांड' से है, यह एक ऐसी आभासी दुनिया की कल्पना है, जहां आप अपने स्थान पर रहकर ही बाहरी दुनिया के साथ इंटरेक्शन कर सकते हैं, आप एक स्थान पर रहते हुए भी अपने परिचितों के साथ रहने का अनुभव कर सकते हैं। सरल भाषा में कहें तो मेटावर्स का बेसिक कॉन्सेप्ट यह है कि एक डिजिटल स्पेस में रहकर लोग एक दूसरे के साथ शारीरिक रूप से नहीं परन्तु डिजिटली रूप से जुड़े हों।

मेटावर्स को अलग अलग जगहों पर इस्तेमाल किया जा सकता है। गेमिंग सेक्टर से लेकर मीटिंग और एक दूसरे के साथ बातचीत करने तक को इसमें शामिल किया जाएगा। आसान शब्दों में कहें तो यह एक ऐसी दुनिया जहां आपकी एक आईडेंटिटी तो होगी। आप घर पर होंगे, लेकिन आपका अवतार मेटावर्स में होगा। हालांकि उसे कंट्रोल करने वाले आप खुद ही होंगे।

मेटावर्स

सोशल मीडिया का एडवांस रूप होगा मेटावर्स

मेटावर्स और कुछ नहीं बल्कि सोशल मीडिया का एक एडवांस रूप है। फेसबुक पर हम क्या करते हैं अपने दोस्तों से बातचीत करते हैं, वीडियो कॉल करते हैं, अपने अनुभव को साझा करते हैं और ग्रुप बनाते है। लेकिन फेसबुक, व्हाट्सप्प या इंस्टाग्राम आदि पर यह सब कुछ चैटिंग के जरिए होता है। आसान शब्दों में कहें तो हमें यह महसूस होता है कि हमारा दोस्त हमारे पास नहीं है, हमने गूगल मीट या ज़ूम पर क्लास/मीटिंग की होगी, वहां पर हमें यह पता रहता है कि सामने वाला इंसान कैमरे के उस तरफ है, हमारे पास नहीं है।

लेकिन मेटावर्स का सिद्धांत इन सभी समस्याओं को ख़तम कर देगा। मेटावर्स एक Computer Generated दुनिया होगी, जहां पर आप रोजमर्रा के कार्य कर सकेंगे, हालांकि कार्य कुछ सीमित ही होंगे, आप अपने दोस्तों और सगे सम्बन्धियों के साथ रहने का अनुभव भी कर पाएंगे, कुछ खरीदारी कर पाएंगे या नई नई जगह घूमने का एहसास आप सिर्फ अपने बंद कमरे में ही ले सकेंगे।

हॉलीवुड फिल्म अवतार

मेटावर्स में अरबों - करोड़ों में बेचें जा रहे है प्लॉट्स

मेटावर्स का कांसेप्ट आने के बाद टेक कंपनियों में होड़ सी मच गई है। फेसबुक के साथ साथ माइक्रोसॉफ्ट जैसी दुनिया की सभी बड़ी कंपनिया मेटावर्स में अरबों डॉलर्स निवेश कर रही है। बता दें कि, मेटावर्स के पॉपुलर प्लेटफॉर्म सैंडबॉक्स ने पिछले महीने 4.3 मिलियन डॉलर्स जो की भारतीय करेंसी में लगभग 32 करोड़ रूपए है, का वर्चुअल लैंड बेचा है। अमेरिका की एक वीडियो गेम कंपनी ने डेवेलपर Republic Realm ने मेटावर्स के इस वर्चुअल लैंड को ख़रीदा है।

अमेरिका की यह कंपनी न्यू यॉर्क शहर में स्थापित है, जो मेटावर्स में रियल स्टेट का काम कर रही है। आम ज़िन्दगी में हम घर खरीदने के लिए जिस तरह रियल स्टेट या ब्रोकर से संपर्क करते है, ठीक उसी तरह मेटावर्स में भी अब रियल स्टेट कंपनियां स्थापित हो रही है।

अमेरिका के बाद हॉन्ग कॉन्ग के एक अरबपति ने भी इसी हफ्ते मेटावर्स कंपनी 'The Snadbox' से मेटावर्स में एक बड़ा प्लॉट खरीदा है। साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की एक रिपोर्ट के अनुसार, 42 वर्षीय इस अरबपति ने कहा है कि वह मेटावर्स में खरीदे गए प्लॉट में 'GPA Pavallion' बनाएंगे। जहां वे स्टार्ट अप डालकर अपने प्रोडक्ट्स को वर्टुअली बेच सकेंगे। बता दें कि, Tokens.com की सबसिडरी Metaverse Group ने भी मेटावर्स में $2.43 Million (लगभग 18.25 लाख रुपये) में वर्चुअल प्लॉट खरीदा है।

मेटावर्स

मेटावर्स में भी प्रोपर्टी की रेट लोकेशन्स और एंबियंस से तय होगी

मेटावर्स यानी एक अलग वर्चुअल दुनिया। बता दें कि, यहां अलग अलग लोकेशन्स और इनवॉयरमेंट हैं। मेटावर्स में दो सबसे पॉपुलर प्लैटफॉर्म है - Decentraland और The Sandbox। यहाँ आप वर्चुअल प्लॉट्स खरीद सकते हैं। Decentraland एक वर्चुअल रियलिटी प्लैटफॉर्म है, जो इथीरियम ब्लॉकचेन पर बेस्ड है। मेटावर्स के इन प्लेटफॉर्म्स पर कॉन्फ्रेंस या कमर्शियल प्लॉट खरीदे जा सकते है। साथ ही यहाँ आर्ट गैलरी, घर और दूसरे लाइव इवेंट्स के लिए भी लैंड्स खरीदी जा सकती है।

Decentraland और The Sandbox इसी तरह के प्लैटफॉर्म है, जहां आप वर्चुअल प्लॉट खरीद सकते है। बता दें कि, मेटावर्स के Decentaland प्लेटफॉर्म में पांच जिले चिन्हित किये गए है। इन जिलों के अंदर कई शहर है, जिनके नाम है - क्रिप्टो वैली, ड्रैगन सिटी, ऐथेरियन सिटी, वेगस सिटी, फैशन स्ट्रीट और डिस्ट्रिक्ट एक्स। यहाँ आपको घर खरीदने के लिए लोकेशन के कई ऑप्शन भी दिए जाएंगे।

जैसे आप घर रोडसाइड में खरीदना चाहते हैं, वॉटर फेसिंग खरीदना चाहते है, चॉइस पूरी तरह आपकी होगी। मेटावर्स को नए ज़माने की वेब के तौर पर भी देखा जा रहा है। यही कारण है की सभी कंपनियां इस स्पेस में जल्द से जल्द अपनी जगह सुनिश्चित कर लेना चाहती है।

लगे हाथ ब्लॉकचैन के बारे में भी जान लीजिए
ब्लॉकचैन एक तरह कि एक्सचेंज प्रोसेस है। जो डेटा ब्लॉक पर काम करती है। ब्लॉकचैन एक बहुत पुरानी तकनीक है। इसमें प्रत्येक ब्लॉक एंक्रिप्शन के द्वारा सुरक्षित होते है। ऐसा इसलिए है क्योंकि यह ब्लॉक इलेक्ट्रॉनिक कि सहायता से एक दूसरे से कनेक्ट रहते हैं। इस तकनीत को सबसे पहले 1991 में स्टुअर्ट हबर और डब्ल्यू स्कॉट स्टोर्नेटो ने अपनाया था। बता दें कि, इस तकनीक का मुख्य उद्देश्य डिजिटल डॉक्यूमेंट्स को टाइमस्टैम्प करना था, ताकि इसके साथ किसी भी तरह कि कोई भी छेड़छाड़ नहीं की जा सकें।

ब्लॉकचैन

Web 3.0 के तौर पर मेटावर्स एक सॉलिड फ्यूचर

आज से 20 - 30 साल पहले शायद ही किसी ने अंदाज़ा लगाया होगा कि इंटरनेट पर पूरी दुनिया इस तरह आश्रित हो जाएगी। अगर मेटावर्स के कांसेप्ट को देखकर भी आपको यही लग रहा है, तो शायद आप गलत साबित हो सकते है। ऐसा इसलिए क्योंकि Web 3.0 के तौर पर मेटावर्स एक सॉलिड फ्यूचर की तरह दिख रहा है। बता दें कि, आने वाले समय में कई देश मेटावर्स पर अपनी एंबेसी खोलेंगे। बारबेडोस ऐसा पहला देश बन गया है जिसने मेटावर्स में अपनी एंबेसी खोलने का ऐलान कर दिया है। मेटावर्स के डिसेंट्रालैंड में बारबेडोस अपना डिप्लोमैटिक कंपाउंड तैयार कर रहा है। धीरे - धीरे दुनिया का ट्रेंड भी बदलेगा और लोग स्मार्टफोन से ज्यादा मेटावर्स मं अपना समय व्यतीत करेंगे। मेटावर्स को लोग पैसे कमाने के नए जरिए के रूप में भी देख रहे है। बता दें कि, अभी जिस कीमत पर मेटावर्स में प्लॉट मिल रहे है, आने वाले समय में उनकी कीमतें भी क्रिप्टोकरेंसी की तरह तेजी से बढ़ने की उम्मीद है।

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