इस्लाम की धार्मिक मान्यताओं के लिए हिजाब पहनना अनिवार्य नहीं है। इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार ने स्कूलों और कॉलेजों में हिजाब पर प्रतिबंध लगाने का आदेश जारी किया था। राज्य सरकार ने शुक्रवार को कर्नाटक हाई कोर्ट में हिजाब विवाद पर चल रही सुनवाई के दौरान यह बात कही। राज्य सरकार की ओर से पेश हुए महाधिवक्ता प्रभुलिंग नवादगी ने कहा कि सरकार की राय है कि हिजाब पहनने का अधिकार संविधान के अनुच्छेद 19(1) के तहत नहीं आता है।
सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने वाली किसी भी पोशाक की अनुमति नहीं
दरअसल, मुख्य न्यायाधीश ने सरकार से पूछा था कि उसने किस तर्क के साथ 5 फरवरी का आदेश जारी किया था, जिसमें कहा गया था कि शैक्षणिक संस्थानों में सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने वाली किसी भी पोशाक की अनुमति नहीं दी जाएगी।
धार्मिक मामलों में दखल नहीं देना चाहते- कोर्ट
उन्होंने कहा कि कॉलेज कमेटी ने छात्राओं के परिजनों के साथ बैठक भी की है। इस बैठक में उन्हें बताया गया कि कॉलेज में 1985 से यूनिफॉर्म चल रही है। हालांकि इसके बाद भी कोई फैसला नहीं हो सका और छात्रों ने विरोध करना शुरू कर दिया।
इसके बाद सरकार ने एक कमेटी बनाई। अंतत: 5 फरवरी को इस संबंध में आदेश जारी किया गया। कर्नाटक सरकार ने कोर्ट में कहा कि हम धार्मिक मामलों में दखल नहीं देना चाहते। एजी ने कहा कि राज्य सरकार ने आदेश दिया है कि छात्र वही यूनिफॉर्म पहनें, जो स्कूल-कॉलेजों ने तय किया है।