रूस-यूक्रेन युध्द सभी देशों की विदेश राजनीति को प्रभावित कर रहा है। क्वॉड देशों (अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया) के समूह में से भारत को छोडकर सभी देश रूस के द्वारा किये जा रहे हमलों की निंदा कर रहे है व रूस पर कड़े प्रतिबंध भी लगा रखे हैं लेकिन भारत इस विषय पर तटस्थ रूप से निष्पक्ष भूमिका निभा रहा है, हालांकि अमेरिका, भारत पर लगातार दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है कि भारत रूसी हमले की निंदा करें। क्वॉड सदस्य रहे जापान के पूर्व प्रधानमंत्री योशीहिदे सुगा ने भारत के, रूसी हमले को लेकर रूख की टिप्पणी की है।
जापान की फूजी टीवी के एक कार्यक्रम के दौरान सुगा ने कहा कि भारत की रूसी हमले को लेकर अनिच्छा के बावजूद क्वॉड देशों को भारत को अपने पाले में रखने की कोशिश करनी चाहिए।
इस कार्यक्रम में 73 वर्षीय पूर्व नेता सुगा से पूछा गया कि 'क्वॉड सुरक्षा वार्ता के सदस्य भारत को रूस के युद्ध के खिलाफ सामान्य रूख अपनाने के लिए हामी भरवाने में सफल क्यों नहीं हो सके? भारत ने संयुक्त राष्ट्र में रूसी आक्रमण की निंदा प्रस्ताव पर वोटिंग से भी खुद को कई बार दूर रखा है जिससे पता चलता है कि भारत मुद्दे पर तटस्थ रहना चाहता है।’
जवाब देते हुए उन्होंने कहा, 'भारत शुरू से ही सबसे बड़ी चुनौती था' उन्होंने कहा कि भारत शुरू में क्वॉड को इंडो-पैसिफिक के लिए एक प्रमुख मंच के रूप में आगे बढ़ाने में दिलचस्पी नहीं रखता था। सुगा ने कहा, 'लेकिन जापान के दृष्टिकोण से, भारत को क्वॉड में शामिल करना समग्र रूप से अत्यंत महत्वपूर्ण था इसलिए हमने कई प्रयास करके भारत को क्वॉड में शामिल कराया।'
सुगा ने आगे कहा कि 'जब मैं प्रधानमंत्री था, सभी चार देशों के नेता व्यक्तिगत रूप से इकट्ठा होने में कामयाब रहे। अब फिर ये चार नेता जापान में एकत्र होंगे, ये निर्णय लिया गया।’
राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अपनी टिप्पणी में कहा था कि भारत और अमेरिका ने बातचीत हुई थी लेकिन रूस पर अपना रुख तय करने के मुद्दे को "अभी तक हल नहीं कर पाए है"।
इससे साफ पता चलता है कि दोनों इस मामले में एक दूसरे से अलग हैं। इससे पहले, व्हाइट हाउस ने सार्वजनिक रूप से कहा था कि वह तनाव कम करने में भारत की भूमिका का स्वागत करता है और फिर उम्मीद जताई कि नई दिल्ली इस मुद्दे पर वाशिंगटन का पक्ष लेगी।
भारत द्वारा चीन के खिलाफ पश्चिम के समर्थन का लाभ उठाने लेकिन रूस की कार्रवाइयों पर चुप रहने के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए, भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने हाल ही में स्पष्ट रूप से कहा कि इंडो-पैसिफिक और ट्रांस-अटलांटिक की स्थिति 'एक जैसी नहीं थी।
जापान के पूर्व प्रधानमंत्री योशीहिदे सुगा ने भारत की रूस के प्रति रुख पर अपनी समझ दिखाते हुए कहा कि 'चीन के साथ भारत के संबंध तनावपूर्ण है। भारत रूस को एक महत्वपूर्ण देश मानता है।'
जापान के पूर्व प्रधानमंत्री ने जोर देते हुए कहा कि क्वॉड को न केवल भारत बल्कि अन्य देशों के साथ-साथ आसियान देशों के समूह को भी अपने रूख में लाना चाहिए।
उन्होंने कहा, 'अगर हम जापान के राष्ट्रीय हितों के बारे में सोचते है, तो भारत को क्वॉड समूह में रखना और आसियान देशों के समूह को इसमें शामिल करना महत्वपूर्ण होगा। वहीं दूसरी और चीन को एक इंडिपेंडेंट और खुले इंडो-पेसिफिक एरिया में एंट्री से नहीं रोकना चाहिए।'