अन्तरराष्ट्रीय

भारत-चीन पूर्वी लद्दाख से अपने सैनिकों को हटाने पर सहमत

savan meena

डेस्क न्यूज – भारत और चीन के बीच के हुए विवाद के बाद पूर्वी लद्दाख में अवरोध की स्थिति उत्पन्न को लेकर करीब एक महीने के बाद संघर्ष वाले क्षेत्र से "पूरी तरह और जल्द" सैनिक पीछे हटने पर सहमति व्यक्त की है।

दोनों पक्षों ने इस बात पर सहमति व्यक्त की कि वरिष्ठ सेना कमांडरों की एक और बैठक जल्द ही हो सकती है ताकि सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और शांति बहाली के लिए "तेजी से पूर्ण विघटन और डी-एस्केलेशन" सुनिश्चित करने के लिए और कदम उठाए जा सकें।

सीमा मामलों पर परामर्श और समन्वय (WMCC) के लिए कार्य तंत्र के ढांचे के तहत लगभग तीन घंटे लंबी आभासी वार्ता हुई।

दोनों देशों ने कहा कि द्विपक्षीय संबंधों के सम्पूर्ण विकास के लिये पूर्ण रूप से शांति बहाली जरूरी है।

राजनयिक वार्ता के दौरान क्षेत्र की स्थिति की समीक्षा की गई

दोनों देशों ने सीमा के मामलों पर विचार विमर्श एवं समन्वय के कार्यकारी ढांचे के तहत आनलाइन माध्यम से हुई ताजा राजनयिक वार्ता के दौरान क्षेत्र की स्थिति की समीक्षा की। दोनों देशों की यह बैठक ऐसे समय हुई जब इस तरह की खबरें आ रही थी कि पीछे हटने की प्रक्रिया आगे की ओर नहीं बढ़ पा रही है, जैसा कि 14 जुलाई की कोर कमांडर स्तर की पिछले दौर की वार्ता के बाद उम्मीद की जा रही थी।

चीन ने कहा दोनों देशों के बीच सकारात्मक बातचीत हुई

बीजिंग में चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों पक्षों ने सीमा की स्थिति पर स्पष्ट और गहन विचार-विमर्श किया और दोनों देशों की अग्रिम पंक्ति के सैनिकों को हटाने और स्थिति को आसान बनाने में की गई सकारात्मक प्रगति की पूरी तरह पुष्टि की।

भारत के विदेश मंत्रालय ने क्या कहा

भारतीय विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा, "चीन ने इस बात पर सहमति व्यक्त की कि द्विपक्षीय समझौते और प्रोटोकाल के अनुरूप वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर सैनिकों का पूरी तरह से पीछे हटना, भारत चीन सीमा पर तनाव समाप्त करना, शांति स्थापित करना, द्विपक्षीय संबंधों का सम्पूर्ण विकास सुनिश्चित करने के लिये आवश्यक है "

विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों पक्षों ने कहा कि यह पांच जुलाई को दो विशेष प्रतिनिधियों के बीच टेलीफोन पर हुई बातचीत के दौरान बनी सहमति के अनुरूप है।

पांच जुलाई को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवाल और चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने टेलीफोन पर करीब दो घंटे तक पूर्वी लद्दाख में दोनों देशों के बीच तनाव को कम करने के लिये चर्चा की थी। दोनों पक्षों ने इस वार्ता के बाद छह जुलाई के बाद पीछे हटने की प्रक्रिया शुरू की थी।

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