उपद्रवियों को गिरफ्तार करती स्विट्जरलैंड की पुलिस। 
अन्तरराष्ट्रीय

Muslim Fundamentalism: फ्रांस की आग में अब बेल्जियम, स्विट्जरलैंड झुलसे; उन्मादियों ने घरों-दुकानों पर किया पेट्रोल बमों से हमला

Muslim Fundamentalism: फ्रांस की तपिश बेल्जियम और स्विट्जरलैंड को भी झुलसाने लगी है। वहां भी कट्टर इस्लामी घरों, दुकानों पर पेट्रोल बमों से हमले कर रहे हैं और लोगों की गाड़ियां तोड़ रहे हैं।

Om Prakash Napit

Muslim Fundamentalism: जिस मजहबी उन्माद ने एक किशोर की मौत के बहाने फ्रांस को सुलगा रखा है अब उसकी तपिश बेल्जियम और स्विट्जरलैंड को भी झुलसाने लगी है। वहां भी मजहबी उन्मादियों ने एक बड़े शहर में लोगों का जीना मुहाल कर दिया है। वहां अनेक घरों, दुकानों पर कट्टर इस्लामी पेट्रोल बमों से हमले कर रहे हैं और लोगों की गाड़ियां तोड़ रहे हैं।

फ्रांस में गत सप्‍ताह पुलिस की गोली से अल्जीरिया मूल के नहेल की हुई मौत की आड़ में इस्लामी कट्टरपंथी तत्व अपना जिहादी एजेंडा चला रहे हैं। इसी पर चलते हुए, उन्होंने पहले फ्रांस और अब बेल्जियम और स्विट्जरलैंड में आम समाज को हिंसा का निशाना बनाने की ठानी है।

स्विट्जरलैंड में लॉज़ेन शहर में अनेक दुकानों के शीशे तोड़ डाले गये, दरवाजों को तोड़ा गया। स्थानीय पुलिस का साफ कहना है कि यह सब फ्रांस में मजहबी उन्मादियों के दंगों की वजह से शुरू हुआ है।

हालांकि पुलिस ने अनेक लोगों को हिरासत में ले लिया है, लेकिन आग फैलती जा रही है। पकड़े गए उपद्रवियों में कई लड़कियां भी शामिल हैं। पुलिस की पकड़ में आए अधिकांश उपद्रवी कम उम्र के लड़के हैं जो कथित एजेंडे के तहत पत्थरबाजी और बमबाजी में लिप्त पाए गए हैं।

उपद्रवियों में लड़कियां भी शामिल

ताजा जानकारी के अनुसार, स्विट्जरलैंड में लॉज़ेन शहर में अनेक दुकानों के शीशे तोड़ डाले गये, दरवाजों को तोड़ा गया। स्थानीय पुलिस का साफ कहना है कि यह सब फ्रांस में मजहबी उन्मादियों के दंगों की वजह से शुरू हुआ है।

पुलिस ने अनेक लोगों को हिरासत में ले लिया है। पकड़े गए उपद्रवियों में कई लड़कियां भी शामिल हैं। पुलिस की पकड़ में आए अधिकांश उपद्रवी कम उम्र के लड़के हैं जो कथित एजेंडे के तहत पत्थरबाजी और बमबाजी में लिप्त पाए गए हैं।

असल में लॉज़ेन में उपद्रव तब शुरू हुए जब फ्रांस की घटना को लेकर यहां विरोध प्रदर्शन आयोजित किया गया था। प्रदर्शन में शामिल मुस्लिम युवक और किशोर संभवतः पहले से हिंसा फैलाने की योजना बनाकर पूरी तैयार के साथ आए थे।

बेल्जियम के ब्रसेल्स शहर में अभी तक पुलिस करीब 70 उपद्रवियों को गिरफ्तार कर चुकी है। यहां भी प्रदर्शनकारी, जो बाद में दंगाई बन गए, ‘जस्टिस फॉर नहेल’ के नारे लगा रहे थे।

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