म्यांमार में आर्थिक तंगी का दौर फिलहाल चरम पर है। लोग गरीबी और कर्ज तले दबते जा रहे हैं। इसी के साथ ही देश की सबसे बड़ी आबादी गरीबी रेखा के नीचे गुजारा करने को मजबूर है। सरकार गरीबी से लोगों के निकालने के दावे तो कर रही है, लेकिन जमीनी हकीकत तो कुछ और ही है।
गरीबी से यहां के लोग इतने परेशान हो गए है की वो खुद की किडनी तक बेचने को मजबूर हो गए है। इसको बेचने के लिए बकायदा सोशल मीडिया का सहारा ले रहे है। एक रिपोर्ट के अनुसार वो किडनी बेचने के लिए सोशल मीडिया पर ब्लड ग्रुप के जानकारी के साथ पोस्ट कर रहे है। कुछ लोगों ने तो इस तरह के मैसेज भी किए जिनमें कहा गया, "मेरा ब्लड टाइप O है, प्लीज DM (डायरेक्ट मैसेज) करें."
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार किडनी बेचने वाले कई लोगों का पता चला है। जिसमे तीन लोगों ने हाल ही में एक फेसबुक ग्रुप पर अंग बेचने की पेशकश की और इस बारे में उन्होंने अंग व्यापार में शामिल करीब दो दर्जन लोगों से भी बात की है। किडनी डोनर से बात करने वाले ये लोग खरीदार और एजेंट बताए जा रहे हैं।
इस पोस्ट पर एक्शन लेते हुए फेसबुक ने उस ग्रुप को हटा दिया है। जिसमे अंग बेचने की पेशकश की गई थी।फेसबुक की ओर से कहा गया कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ऐसी सामग्री की अनुमति नहीं देता जिसमें मानव शरीर के अंगों को खरीदा या बेचा जाए।
जानकारी के अनुसार इसमें ऑनलाइन सेलिंग ग्रुप के अनुसार विक्रेता, बिचौलियों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। बिचौलियों के भी इसमें काफी एक्टिव होने की बात कही जा रही है। इसमें बिचौलियों का काम डोनर को रिसीवर से मिलाना है और उसके बाद इस पूरे प्रोसेस के जरूरी डॉक्यूमेंटस बनाने के साथ ही सर्जरी की व्यवस्था करना भी होता है।