PUBG एक ऐसा वीडियो गेम है जिसकी दीवानगी लोगों के सिर पर इस हद तक सवार है कि इसके आगे उन्हें कुछ सही और गलत नहीं दिखता। उन पर बस इस गेम को खेलने की सनक सवार रहती है। इसी सनक के चलते पबजी कई बार हादसों का कारण बन गया है।
हाल ही में उत्तर प्रदेश के लखनऊ में PUBG खेलने से मना करने पर एक बच्चे ने अपनी ही मां की जान ले ली। यह पहला मामला नहीं है जब PUBG के चलते किसी की जान गई हो, पहले भी ऐसी कई घटनाए हो चुकी है। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि बैन होने के बावजूद भी आखिर क्यों ये गेम खेला जा रहा है, और सरकार इसके खिलाफ कोई सख्त कदम क्यों नहीं उठा रही है।
भारत सरकार ने 3 सिंतबर 2020 को PUBG को बैन किया था। इसके बाद भी लोग आज तक इस गेम को खेल रहे है। भारत यूजर्स के लिए प्ले स्टोर पर यह गेम नहीं है पर अन्य ब्राउजर्स की मदद से इस गेम को आसानी से खेला जा सकता है। इसके अलावा गेम की APK फाइल को फिर से डाउनलोड कर के इस गेम को खेला जा सकता है। पिछलें दिनों मध्यप्रदेश से खबर आई थी की APK फाइल के जरिए इस गेम को दोबारा डाउनलोड़ करके खेला जा रहा है।
भारत में पबजी बैन होने के बाद KRAFTON गैमिंग कंपनी ने भारत के लिए अलग से नया गेम बनाया जो PUBG की हू-ब-हू कापी है। इसका नाम है BGMI (Battlegrounds Mobile India)। यह गेम खास तौर से भारत के मोबाइल यूजर्स के लिए बानाया गया है। यह गैम 2021 में भारत के एन्ड्राइड यूजर्स के लिए आया। BGMI आने के बाद से भारत में पबजी लवर्स की संख्या बहुत हद तक बढ़ गई है।
भारत में पबजी की वजह से मौत का पहला केस 2019 में तेलंगाना से सामने आया है। यहां एक छात्र ने आत्महत्या कर ली थी क्योंकि उसके माता पिता ने उसे PUBG खेलना छोड़कर 10वीं के एग्जाम की तैयारी करने के लिए कहा था।
30 जून 2019 को महाराष्ट्र के भिवांडी में दूसरा मामला सामने आया। यहां एक 15 साल के बच्चे ने अपने भाई को PUBG ना खेलने पर कैंची से वार करके मार डाला।
जनवरी 2020 में मथुरा में पियुष शर्मा की मां ने जब PUBG खेलने से मना किया और फोन तोड़ दिया तो गुस्से में उसने फांसी लगा ली।
जून 2020 में महाराष्ट्र के यवतमाल में 22 साल के एक युवक ने पिलेवान में टास्क पूरा नहीं होने पर अवसाद में आकर आत्महत्या कर ली।
3 जुलाई 2020 को UP के बुलंदशहर में एक छात्र ने PUBG के कारण डिप्रेशन में आकर खुद को गोली मार ली।
11 अक्टूबर 2021 को महाराष्ट्र के जामनेर में 12वीं की एक छात्रा ने इस गेम के जाल में फसकर आत्महत्या कर ली।
22 अप्रैल 2022 को जब घरवालों ने दुर्गाप्रसाद को PUBG खेलने से मना किया तो उनसे बुरा मानकर आत्महत्या कर ली।
वीडियों गेम्स की बात करे तो शुरू से ही इस तरह के गेम बच्चों को अपना दिवाना बना रहे है। लेकिन मार्केट में ऐसे कई गेम्स है जिनका बच्चों पर नकारात्मक असर पड़ रहा है। ये गेम्स बच्चों को मानसिक रुप से कमजोर बना रहे है। पबजी, फ्री-फायर जैसे मारधाड़ वाले गेम्स से बच्चों के मन-मस्तिष्क पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। माना जा रहा है कि इस तरह के गेम्स बच्चों में हिंसक प्रवृति पैदा कर रहे है, जिसकी वजह से बच्चे अपराध की और बढ़ रहे है। एक रिपोर्ट के अनुसार 2021 में भारतीयों ने 70 करोड़ से ज्यादा घंटे मोबाइल पर बिताएं है। गेम्स की बात करें तो भारत चीन के बाद गेम खेलने में दूसरे नंबंर पर है।