विधानसभा चुनाव 2022 को लेकर इन दिनों यूपी में सियासी हलचल तेज है। इस दौरान हरदोई जिले में एक दिलचस्प तस्वीर सामने आई है। इस बार भी अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी पर परिवारवाद का साया छाया हुआ है। हरदोई की 2 विधानसभा सीटों पर सपा ने देवरानी-जेठानी को अपना उम्मीदवार बनाया है। ऐसे में हरदोई में चुनावी गर्मी बढ़ती ही जा रही है।
दरअसल, समाजवादी पार्टी ने हरदोई की सांडी विधानसभा सीट से उषा वर्मा को अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया है। वह पहले भी दो बार सांसद रह चुकी हैं और एक बार मंत्री पद भी संभाल चुकी हैं। इसके साथ ही सपा ने गोपामऊ विधानसभा सीट से पहले विधायक रह चुकी राजेश्वरी देवी को मैदान में उतारा है। ये दोनों उम्मीदवार देवरानी-जेठानी हैं। आपको बता दें कि उषा और राजेश्वरी मुलायम कैबिनेट में मंत्री रहे दिवंगत परमई लाल की बहू हैं।
समाजवादी पार्टी अक्सर परिवारवाद को लेकर सुर्खियों में रहती है, चाहे चुनाव कुछ भी हो। इस बार भी विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी ने हरदोई से एक ही परिवार की दो बहुओं को अपना प्रत्याशी घोषित किया है। पूर्व मंत्री स्वर्गीय परमाई लाल की छोटी बहू उषा वर्मा हरदोई की सांडी विधानसभा सीट से सपा के टिकट पर चुनावी मैदान में हैं, जो इससे पहले दो बार सांसद भी रह चुकी हैं। उषा वर्मा का कहना है कि इस बार वह जनता की मुख्य समस्याओं जैसे महंगाई, बेरोजगारी और महिला सुरक्षा पर चुनाव लड़ेंगी। साथ ही वह किसानों की समस्याओं को लेकर मैदान में हैं। साथ ही उषा ने कहा कि राज्य और हरदोई में गड्ढों वाली सड़कें भी एक बड़ी समस्या हैं, वह इन सभी समस्याओं को अपनी प्राथमिकता में रखेंगी और इन चुनावी मुद्दों को लेकर लोगों का विश्वास जीतेंगी।
वहीं जेठानी यानी राजेश्वरी देवी भी सपा के टिकट पर गोपामऊ से चुनाव लड़ रही हैं। आपको बता दें कि वह पहले विधायक रह चुकी हैं। वह किसान, महंगाई जैसे मुद्दे उठाकर वोट भी मांग रही हैं. देखना होगा कि जनता इन देवरानी-जेठानी का पुराना रिपोर्ट कार्ड देखकर वोट देगी या उनके मौजूदा चुनावी मुद्दों को लेकर उनका समर्थन करेगी।