कोरोना की तीसरी लहर पहली दो लहरों की तुलना में कम घातक थी, लेकिन कोरोना अभी पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है। चीन के मौजूदा हालात और इस्राइल में मिले नए वेरिएंट ने सरकार की चिंता फिर से बढ़ा दी है। वहीं, आईआईटी कानपुर के शोधकर्ताओं ने भी भारत में कोरोना की चौथी लहर के आने के संकेत दिए हैं।
दरअसल, आईआईटी कानपुर की मेड्रिव मैगजीन में हाल ही में छपी एक रिपोर्ट में जून में कोरोना की चौथी लहर आने की आशंका जताई गई है। यह लहर करीब तीन से चार महीने तक चलेगी। यह कितना घातक होगा इसका अभी कोई अनुमान नहीं है। भले ही स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञ इस रिपोर्ट को सही न मानें, लेकिन चीन के 11 शहरों और इस्राइल में मिले नए वेरिएंट की स्थिति चिंताजनक है।
चीन में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ने लगे हैं, वो भी तब जब यहां गाइडलाइंस का सख्ती से पालन हो रहा है। चीन के जिलिन, हांगकांग, फ़ुज़ियान, शंघाई जैसे 11 बड़े शहरों में सरकार ने मामले बढ़ने के बाद लॉकडाउन लगा दिया है। Omicron के BA.2 सब-वेरिएंट को 'शून्य covid नीति' अपनाने के बावजूद चीन में मामलों में वृद्धि का कारण माना जा रहा है।
अगर राजस्थान में कोरोना की चौथी लहर आती है तो इसमें बच्चों को सबसे ज्यादा खतरा हो सकता है। राजस्थान राज्य कोविड प्रबंधन समिति के सदस्य और एसएमएस अस्पताल के पूर्व वरिष्ठ चिकित्सक वीरेंद्र सिंह के अनुसार हमें अब भी कोविड के दिशा-निर्देशों का पालन करना चाहिए। भले ही हमारे शरीर में प्राकृतिक साधनों या टीकाकरण से एंटीबॉडी का निर्माण हो गया हो, लेकिन कोरोना वायरस अभी पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है। वर्तमान में सरकार 15 वर्ष या उससे अधिक आयु वर्ग के बच्चों का टीकाकरण कर रही है और हाल ही में 12 से 14 वर्ष के बच्चों का टीकाकरण शुरू हुआ है, लेकिन इस आयु वर्ग से कम उम्र के बच्चों में अभी भी जोखिम बना हुआ है।
इस समय राजस्थान में कोरोना के बहुत कम मामले आ रहे हैं। मार्च के 17 दिनों में पूरे राज्य में 2707 मामले मिले हैं, जबकि 14 मरीजों की मौत हो चुकी है। जिलेवार रिपोर्ट पर नजर डालें तो सबसे ज्यादा 1099 मामले जयपुर जिले में पाए गए हैं। जयपुर में इस महीने 3 मरीजों की मौत हुई है। वहीं अगर फरवरी की रिपोर्ट पर नजर डालें तो राज्य में 28 दिन के अंदर कुल 73,395 केस मिले और 269 मरीजों की मौत हुई।