आसाराम के बेटे और रेप के दोषी नारायण साई को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका, गुजरात HC का फैसला पलटा

नारायण साईं को दो सप्ताह की फर्लो के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट ने एक अक्टूबर को ही सुनवाई पूरी कर ली थी
आसाराम के बेटे और रेप के दोषी नारायण साई को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका, गुजरात HC का फैसला पलटा

डेस्क न्यूज. आसाराम के बेटे और रेप के दोषी नारायण साईं को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा झटका दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने नारायण साईं को दी गई दो सप्ताह की फर्लो को रद्द कर दिया है। गुजरात सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में आसाराम के बेटे और रेप के दोषी नारायण साईं को दो हफ्ते की फर्लो देने के गुजरात हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती दी थी.

सुप्रीम कोर्ट से कहा कि साई को 'फर्लो' नहीं दिया जाना चाहिए

गुजरात सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि साई को 'फर्लो' नहीं दिया जाना चाहिए. क्योंकि वह जेल के अंदर आपराधिक गतिविधियों में शामिल रहा है। साई ने इस आधार पर 'फरलो' मांगी है कि उन्हें अपने पिता आसाराम की देखभाल करनी है, जो पहले कोरोना वायरस से संक्रमित थे।

नारायण साईं को दो सप्ताह की फर्लो के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट ने एक अक्टूबर को ही सुनवाई पूरी कर ली थी

गौरतलब है कि उच्च न्यायालय द्वारा नारायण साईं को दो सप्ताह की फर्लो के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट ने एक अक्टूबर को ही सुनवाई पूरी कर ली थी. सुनवाई के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना की पीठ ने साई को दो सप्ताह की छुट्टी देने के उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ गुजरात सरकार की अपील पर संबंधित पक्षों को सुना। सुप्रीम कोर्ट ने आज सुरक्षित फैसला सुनाते हुए फरलो पर रोक लगा दी है. सुनवाई के दौरान गुजरात सरकार ने कोर्ट से कहा था कि साई को 'फरलो' नहीं दिया जाना चाहिए क्योंकि वह जेल के अंदर आपराधिक गतिविधियों में शामिल रहे हैं.

साईं ने दी थी पिता की देखभाल की गुहार

रेप के दोषी नारायण साईं ने फरलो की दलील दी कि उनके पिता आसाराम की देखभाल करनी है,

वह पूर्व में कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं. हाईकोर्ट ने फरलो दे दी थी,

लेकिन गुजरात सरकार ने इसका विरोध किया था। गुजरात सरकार ने तर्क दिया था

कि आसाराम इलाज के बाद फिर से जेल में हैं। नारायण साईं और उनके पिता

आसाराम को अलग-अलग बलात्कार के मामलों में दोषी ठहराया गया है

और वे आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं।

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