डेस्क न्यूज. नासा का अंतरिक्ष मिशन ऑर्बिटर कोलंबिया स्पेस शटल एसटीएस-107 अंतरिक्ष में उड़ान भरने वाला पहला अंतरिक्ष यान था। इसने अप्रैल 1981 को अपनी पहली उड़ान भरी। इसके बाद अलग-अलग 27 मिशन भी पूरे किए। लेकिन 16 जनवरी 2003 को 28वीं उड़ान आखिरी उड़ान साबित हुई। अपने 16-दिवसीय मिशन को पूरा करने के बाद, यान 1 फरवरी 2003 को पृथ्वी पर वापस लौट रहा था, तभी ये दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस यान में सवार 7 अंतरिक्ष यात्रियों की मौत हो गई। इन्हीं में से एक नाम भारतीय मूल की महिला अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला का भी था।
भारत और पाकिस्तान के बंटवारे के समय मुल्तान से करनाल आए बनारसी लाल चावला की चार संतानों में कल्पना सबसे छोटी थीं। घर में उन्हें प्यार से मंटो बुलाते थे। उनका जन्म 1 जुलाई 1961 को हुआ था। शुरुआत में स्कूली शिक्षा करनाल में पूरी हुई। इसके बाद उन्होंने पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज से बी.टेक किया। फिर अमेरिका गए और एयरोस्पेस में मास्टर्स की पढ़ाई पूरी की। एक बार फिर उन्होंने मास्टर्स किया और पीएचडी की।
कल्पना चावला को 1991 में अमेरिकी नागरिकता मिली थी। वह इसी साल नासा में शामिल हुईं। 1997 में नासा को स्पेस में जाने के लिए स्पेशल शटल प्रोग्राम में चुना गया था। पहला अंतरिक्ष मिशन 19 नवंबर 1997 को शुरू हुआ था। उस समय कल्पना की उम्र 35 साल थी।
इस दौरान उन्होंने 65 लाख मील का सफर तय किया। इसके बाद साल 2003 आया, जब 16 जनवरी को उनकी दूसरी अंतरिक्ष यात्रा शुरू हुई। किसी ने नहीं सोचा था, यह उनकी आखिरी अंतरिक्ष यात्रा होगी। उन्होंने 1983 में फ्रांस के जॉन पियरे से शादी की। वह पेशे से फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर थे।
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