RSS का विजयादशमी समारोह: पहली बार महिला मुख्य अतिथि; भागवत ने की समान जनसंख्या पॉलिसी की वकालत

दशहरे पर RSS के शस्त्र पूजा समारोह में पहली बार महिला मुख्य अतिथि संतोष यादव की उपस्थिति ने संघ में महिलाओं को प्रमुख जिम्मेदारी देने की ओर इशारा कर दिया है। दशहरा समारोह के दौरान मोहन भागवत ने एक बार फिर जनसंख्या को लेकर एक समान पॉलिसी की बात कही है।
Mohan Bhagwat- Since Independence
Mohan Bhagwat- Since Independence

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) ने बुधवार के दिन नागपुर में दशहरे के साथ-साथ संघ का स्थापना दिवस मनाया। संघ विजयादशमी के दिन शस्त्र पूजा करता है। इस दौरान मुख्य अतिथि के रूप में संतोष यादव मौजूद रहीं। संतोष यादव एक मात्र ऐसी महिला है, जिन्होंने दो बार माउंट एवरेस्ट फतेह करने का रिकॉर्ड अपने नाम किया है। RSS के स्थापना दिवस समारोह में केद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस, सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत मौजूद रहे।   

सरसंघचालक मोहन भागवत ने अपनी स्पीच के दौरान पॉपुलेशन, मंदिर, जातिवाद जैसे मुद्दों का जिक्र किया।

Mohan Bhagwat on Dussehra - Since Independence
Mohan Bhagwat on Dussehra - Since Independence

देश 50 साल बाद कितनों को खिला और झेल सकता है- भागवत

मोहन भागवत ने कहा कि 'जनसंख्या जितनी अधिक होगी बोझ उतना ही ज्यादा होगा। हमको यह देखना होगा कि हमारा देश 50 साल के बाद कितने लोगों को खिला और झेल सकता है। इसलिए जनसंख्या की एक पॉलिसी बने और वह सब पर समान रूप से लागू हो।

Mohan Bhagwat on Dussehra - Since Independence
Mohan Bhagwat on Dussehra - Since Independence

लालच और घुसपैठ से धर्मांतरण बड़ी समस्या- भागवत

धर्म आधारित जनसंख्या असंतुलन ऐसा विषय है, जिसकी उपेक्षा नहीं की जानी चाहिए। जनसंख्या असंतुलन से भौगोलिक सीमाओं में परिवर्तन होता है। जन्म दर में अंतर और लालच या घुसपैठ की वजह से होने वाले धर्मांतरण भी बड़ी समस्या है।'

First Women Chif Guest on RSS Program- Santosh Yadav
First Women Chif Guest on RSS Program- Santosh Yadav

पहली बार महिला मुख्य अतिथि, नई कड़ी की शुरूआत

राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ में जल्द ही महिलाओं को सर-कार्यवाह और सह-सरकार्यवाह की जिम्मदारी महिलाओं को मिल सकती है। संघ की स्थापना की 100वीं वर्षगांठ 2025 तक राष्ट्र सेविका समिति में शामिल महिलाओं को संघ में लाया जा सकता है। संघ के 97 साल के इतिहास में कोई महिला इस पद पर नहीं रही है। संघ से हमेशा से ही महिलाओं को मुख्य पद ना होने व महिलाओं की संघ में भागीदारी ना होने पर सवाल-जबाव पूछे जाते रहे है। संघ के दशहरा समारोह में शस्त्र पूजा के दौरान पहली बार किसी महिला का मुख्य अतिथि के तौर पर होना, इसी कड़ी की एक शुरूआत के रूप में देखा जा रहा है।

Rastra Sevika Dal-  Since Independence
Rastra Sevika Dal- Since Independence

1936 से संघ में अहम भूमिका निभा रहीं महिलाएं

संघ के एक वरिष्ठ पदाधिकारी का कहना है कि संघ पर लंबे समय से आरोप लगता आ रहा है कि संघ देश की आधी आबादी से कटा हुआ है। लेकिन, ऐसा नहीं है। राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ की स्थापना के 11 साल बाद 1936 से संघ में महिलाएं अहम भूमिका निभा रही हैं। महिलाओं के लिए बाल शाखा, तरुण शाखा और राष्ट्र सेविका समिति है। देशभर में राष्ट्र सेविका समिति की 3500 से अधिक शाखाएं हैं। वर्तमान में शांतक्का इसकी प्रमुख हैं।

Sushma Suraj And Sumitra Mahajan-  Since Independence
Sushma Suraj And Sumitra Mahajan- Since Independence

सुषमा स्वराज और सुमित्रा महाजन राष्ट्र सेविका समिति से

आपको बता दें कि राष्ट्र सेविका समिति में से कई महिलाएं देश के प्रमुख पदों पर पहुंच चुकी है। राष्ट्र सेविका समिति से जुड़ी सुषमा स्वराज और सुमित्रा महाजन जैसी बीजेपी की बड़ी नेता शामिल हैं।

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