Ram Mandir: पौराणिक इतिहास में अयोध्या सबसे प्राचीन और पवित्र मानी जाने वाली सात नगरियों में सबसे पहली है। जिनमें अयोध्या, मथुरा, माया (यानी हरिद्वार), काशी, कांची, अवंतिका (यानी उज्जैन) और द्वारका।
अयोध्या का सबसे पहला वर्णन अथर्ववेद में मिलता है। इस वेद में अयोध्या का देवताओं की नगरी बताया गया है। ब्रह्मा के मानस पुत्र मनु ने इसकी स्थापना की।
अयोध्या का निर्माण भगवान विष्णु की सलाह पर भगवान विश्वकर्मा की देखरेख में किया गया। अयोध्या भगवान विष्णु के चक्र पर विराजमान है।
अयोध्या को पहली बार वैवस्वत यानी सुर्य के पुत्र वैवस्वत मनु ने बसाया। पुत्र वैवस्वत मनु लगभग 6673 ईसा पुर्व हुए।
वैवस्वत मनु के दस पुत्र थे, इनमें ज्येष्ठ पुत्र इक्ष्वाकु के कुल का सर्वाधिक विस्तार हुआ। इक्ष्वाकु ने अयोध्या को अपनी राजधानी बनाकर भारत के बहुत बड़े भाग पर राज किया। इक्ष्वाकु के तीन पुत्र थे कुक्षि, निमि और दण्डक।
कुक्षि कुल में भरत से आगे सगर, भगीरथ, ककुस्त्थ, रघु, अम्बरीष, ययाति, नाभाग, दशरथ और श्री राम हुए। इन सभी ने अयोध्या पर राज किया। पहले अयोध्या भारतवर्ष की राजधानी हुआ करती थी, बाद में हस्तिनापुर हो गई।
एक कहानी ये भी है जिसमें सगर के साठ हजार पुत्र या सैनिक कपिल मुनि के श्राप के कारण भस्म हो गए थे और फिर भगीरथ अपने पूर्वजों के उद्धार के लिए गंगा मैया को मनाकर पृथ्वी पर लाए थे।
इस तरह सूर्यवंशी इक्ष्वाकु की पीढ़ियों में कई यशस्वी राजा हुए। भगीरथ के पोते रघु बड़े तेजस्वी और पराक्रमी थे।
भगवान् श्री राम मंदिर अयोध्या का सम्पूर्ण निर्माण कार्य दिसम्बर 2025 में पूर्ण हो जाएगा। मंदिर का काम 3 चरण में हो रहा है पहला चरण दिसम्बर 2023 में, दूसरा चरण दिसम्बर 2024 में तथा तीसरा चरण दिसम्बर 2025 में पूर्ण हो जायेगा।
भगवान् श्री राम मंदिर निर्माण कार्य के पहले चरण दिसम्बर 2023 के बाद दर्शन करने के लिए शुरू हो जाएगा। लेकिन सम्पूर्ण मंदिर का निर्माण कार्य दिसम्बर 2025 में पूर्ण होगा।
हमारे प्रभु श्री राम का अयोध्या में भव्य मंदिर बनाने में 1400 से 1800 करोड़ तक खर्चा आएगा।भगवान् श्री राम मंदिर निर्माण के 5000 करोड़ रुपये का चंदा आया है।
सम्पूर्ण मंदिर के निर्माण होने के बाद भी वहां के ट्रस्ट कहते में 3500 करोड़ रुपये जमा रहेंगे। भगवान् श्री राम मंदिर की जगह पर श्री रामजन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट का स्वामित्व है।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश से राम मंदिर निर्माण के लिए 68 एकड़ की जमीन स्वीकृत की थी लेकिन राममंदिर के ट्रस्ट मंदिर का विस्तार 108 एकड़ में करने में लगे हुए है।