मैंगलोर ब्लास्ट मामले का मुख्य आरोपी मोहम्मद शरीक आईएसआईएस हैंडलर के संपर्क में था। एडीजीपी लॉ एंड ऑर्डर (एडीजीपी एल एंड ओ) आलोक कुमार ने इसका खुलासा करते हुए बताया कि शरीक मंगलुरु में हुए ऑटो ब्लास्ट मामले का मुख्य आरोपी है। इस धमाके में शारिक खुद 45 फीसदी झुलस गया है।
आलोक कुमार ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि तीर्थहल्ली, शिवमोग्गा में रहने वाले शरीक की पहचान के लिए परिवार के सदस्यों को मंगलुरु अस्पताल लाया गया था। शरीक के मैसूर स्थित घर से बम बनाने का सामान मिला है। फर्जी आधार कार्ड के जरिए वह मैसूर में किराए के मकान में रह रहा था।
आलोक कुमार ने आगे कहा कि शारिक आईएसआईएस की विचारधारा से प्रभावित था। डार्क वेब के जरिए आईएसआईएस हैंडलर्स के संपर्क में था। 19 सितंबर को, शरिक ने दो अन्य सहयोगियों के साथ, शिवमोग्गा में तुंगा भद्रा नदी के किनारे एक जंगल में एक परीक्षण विस्फोट भी किया।
पुलिस ने 20 सितंबर को मुनीर और सैयद यासीन को गिरफ्तार कर लिया। लेकिन शकिर पुलिस को चकमा देकर फरार होने में सफल रहा। इसके बाद चोरी हुए आधार कार्ड से किराए पर मकान लेकर मैसूर में बम बनाने का अभ्यास कर रहा था।
19 नवंबर की शाम को वह ऐसे ही एक कुकर बम के साथ ऑटो रिक्शा में सवार होकर पंपवेल इलाके में जाना चाहता था। लेकिन जब ऑटो कांकनाडी इलाके से गुजर रहा था तो कुकर बम फट गया। जिसमें मुख्य आरोपी शरीक व ऑटो रिक्शा चालक पुरुषोत्तम घायल हो गए।