ऑनलाइन फ्रॉड करने वाली 100 से ज्यादा वेबसाइट्स India में हुई बैन

अवैध निवेश को बढ़ावा देने और पार्ट टाइम जॉब के नाम पर धोखाधड़ी करने के आरोप में सरकार ने 100 से ज्यादा वेबसाइट्स बैन कर दी हैं। ये विदेशों से ऑपरेट की जा रही थीं।
ऑनलाइन फ्रॉड करने वाली 100 से ज्यादा  वेबसाइट्स India में हुई बैन
ऑनलाइन फ्रॉड करने वाली 100 से ज्यादा वेबसाइट्स India में हुई बैन
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अवैध निवेश को बढ़ावा देने और पार्ट टाइम जॉब के नाम पर धोखाधड़ी करने के आरोप में सरकार ने 100 से ज्यादा वेबसाइट्स बैन कर दी हैं।

ये विदेशों से ऑपरेट की जा रही थीं। इस पर गृह मंत्रालय के इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर से जुड़ी नेशनल साइबर क्राइम थ्रेट एनालिटिक्स यूनिट ने नकेल कसते हुए 100 से ज्यादा वेबसाइट्स पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की है। इसमे यूट्यूब, इंस्टाग्राम पर लाइक करने के लिए पैसे दिए जाते है।

कानून 2000 के तहत वेबसाइटों पर लगा प्रतिबंध

इलेक्ट्रॉनिक्स व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने कानून 2000 के तहत इन वेबसाइट्स को बंद करने का आदेश दिया है।

इसको ऑपरेट करने वाले लोग गूगल औऱ मेटा पर डिजिटल विज्ञापन, चैट मैसेंजर साथ फर्जी खातों का इस्तेमाल करते है।

बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी से मिली रकम कार्ड नेटवर्क, क्रिप्टो करेंसी, विदेशी एटीएम निकासी और अंतरराष्ट्रीय फिनटेक कंपनियों के जरिए भारत से बाहर भेजी जा रही थी। एक वेबसाइट ने हाल ही बेंगलूरु में एक व्यक्ति को 61 लाख रुपए का चूना लगाया गया था।

जानकारी के अनुसार गूगल मैप्स पर रिव्यूज भी नए तरीके का स्कैम है। लोगों को वॉट्सऐप पर मैसेज भेजकर पार्ट टाइम जॉब का ऑफर दिया जाता है।

धोखाधड़ी करने वाली वेबसाइट किसी होटल या दूसरी लोकेशन की तस्वीर भेजकर 5 स्टार रेटिंग देने के लिए कहती हैं।

ऐसे में लोगों को लगता है कि गूगल पर रेटिंग के बदले उन्हें पैसे मिल रहे हैं। लेकिन यहीं से वे जाल में फंस जाते हैं। रेटिंग देते ही उनकी ई-मेल आईडी सार्वजनिक हो जाती है।

ऑनलाइन फ्रॉड से बचने के उपाय

ज्यादा कमीशन देने वाली ऑनलाइन योजनाओं में पैसा लगाने से पहले उसके बारे में जानना- समझना चाहिए। कोई अज्ञात व्यक्ति वॉट्सऐप या टेलीग्राम पर संपर्क करें, तो बिना वेरिफिकेशन पैसे के लेन-देन से बचें।

यूपीआइ ऐप में दिए रिसीवर के नाम को वेरिफाई करें। रिसीवर कोई रेंडम व्यक्ति है तो धोखाधड़ी वाला अकाउंट हो सकता है। पैसा लेने वाले सोर्स की भी जांच करें।

अज्ञात खातों से लेन-देन से बचें, ये मनी लॉन्ड्रिंग और आतंक फंडिंग में शामिल हो सकते हैं। ऐसे खाते पुलिस ब्लॉक कर सकती है।

ठगों की ओर से इस्तेमाल किए गए फोन नंबरों और सोशल मीडिया हैंडल की रिपोर्ट राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल https//www.cybercrime.gov.in पर करनी चाहिए।

ऑनलाइन ठगों के निशाने पर सेवानिवृत्त कर्मचारी, महिलाएं व बेरोजगार युवा ज्यादा हैं, जो शॉर्ट टर्म नौकरियों की तलाश में रहते हैं।

ठगी करने वाली वेबसाइट रिव्यू के बाद यूजर से लिंक व स्क्रीनशॉट मांगती हैं। यूजर को भुगतान हासिल करने के लिए एक टेलीग्राम नंबर पर रिव्यू का स्क्रीनशॉट शेयर करने व कोड बताने को कहा जाता है। इससे लोगों से बैंक खाते व अन्य जानकारी लेने के बाद ठगी शुरू हो जाती है।

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