हरियाणा के पानीपत के समालखा गांव में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की तीन दिवसीय बैठक शुरू हो गई है। इस बैठक के दो प्रमुख अहम एजेंडे हैं-
-आरएसएस में जल्द से जल्द महिलाओं की एंट्री सुनिश्चित करना।
-संघ ही समाज के मिशन को योजना बनाकर और उस पर अमल करके पूरा करना।
राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ 2025 में 100 साल का होने जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक, 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले या 2025 की शुरुआत में महिलाओं के लिए दुर्गा वाहिनी के नाम पर एक अलग संगठन या आरएसएस में उनके प्रवेश की घोषणा की जा सकती है।
संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा के जॉइंट सेक्रेटरी डॉ. मनमोहन वैद्य ने 12 मार्च को महिलाओं की संगठन में एंट्री को लेकर संकेत भी दिए। उन्होंने कहा- ‘इस बैठक में महिलाओं को शाखा से जोड़ने पर विचार किया जा रहा है।’
सूत्रों के मुताबिक, महिलाओं की शाखाएं अलग होंगी या संगठन ही अलग होगा, इस पर विचार चल रहा है।
मनमोहन वैद्य ने कहा कि आरएसएस में महिलाओं की एंट्री को लेकर पहले भी चर्चा होती रही है। 2024 में RSS अपना शताब्दी वर्ष मना रहा है, ऐसे में कई बड़े फैसले लिए जा सकते है।
सूत्रों के मुताबिक, 'राष्ट्रीय मुस्लिम मंच उम्मीद से थोड़ा कम खरा उतरा। हालांकि मुस्लिमों को जोड़ना संघ के लिए चुनौती भरा है। इसलिए मंच से जितना काम हुआ उसे भी सकारात्मक ही माना जा रहा है। लेकिन आगे के लिए क्या रणनीति हो ताकि देश का बौद्धिक तबका संघ को मुस्लिम विरोधी न मानें।
दो साल पहले संघ प्रमुख मोहन भागवत का दोनों समुदाय का डीएनए एक होने का बयान लगातार प्रचारित किया गया। यह बयान रणनीति का एक शुरुआती हिस्सा माना जा सकता है। संघ मुस्लिमों के खिलाफ होने की इमेज को तोड़ना तो नहीं, पर इसे बदलना जरूर चाहता है।'
मनमोहन वैद्य ने बताया- 'पहले संघ की रोजाना 42,613 शाखाएं लगती थीं, जिनकी संख्या अब बढ़कर 68,651 हो गई है। हर सप्ताह संघ की 26,877 बैठकें होती हैं। RSS की 10,412 संघ मंडली है, 2020 की तुलना में 6,160 शाखाएं बढ़ी हैं। बैठकें 32% बढ़कर 6,543 हो गई हैं। संघ मंडली में 20% की बढ़ोतरी हुई है।