
Prayagraj Violence: प्रयागराज में हुई हिंसा के मास्टरमाइंड बताए जा रहे जावेद मोहम्मद के घर पर रविवार को बुलडोजर चला। इस हिंसा में जावेद की बेटी आफरीन फातिमा (Afreen Fatima) की भूमिका भी बताई जा रही है। ऐसे में आफरीन फातिमा इन दिनों चर्चा का विषय बनी हुई है।
रविवार को फातिमा के घर में हुई बुलडोजर कार्रवाई के बाद दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में देर शाम जावेद की बेटी आफरीन फातिमा के समर्थन में नारें लगे। ऐसे में लोग आफरीन फातिमा के बारें में जानना चाहते है। तो चलिए हम आपको बताते है कि कौन है आफरीन फातिमा।
प्रयागराज हिंसा के मास्टरमाइंड जावेद मोहम्मद की बेटी JNU में छात्र कार्यकर्ता है। वह JNU से पढ़ाई कर रही है और यहां स्टूडेंट यूनियन की काउंसलर हैं। वह अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी महिला कॉलेज की पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष रह चुकी हैं। प्रयागराज हिंसा में नाम आने के बाद से ही फातिमा के खिलाफ सोशल मीडिया पर कई तरह के हैशटैग चल रहे है। इन दिनों फातिमा के खिलाफ बुलडोजर तथा वर्ल्ड अंगेस्ट इस्लामिक टेरर हैशटैग ट्रेंड करने लगे है।
आफरीन ऐक्टिविस्ट हैं और देश में अल्पसंख्यकों के मुद्दों पर मुखर रहती हैं। AMU में पढ़ाई के दौरान ही वह स्टूडेंट पॉलिटिक्स में सक्रिय हो गई थीं। उसके बाद वह कई प्रदर्शनों का हिस्सा रहीं।
आफरीन फातिमा (Afreen Fatima) 2019 में हुए CAA प्रोटेस्ट का हिस्सा थी। शाहीनबाग आंदोलन के समय भी फातिमा जेएनयू से लेकर इलाहाबाद तक सक्रिय रही थीं। देश में हुए हिजाब विवाद के समय भी फातिमा ने प्रदर्शन में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। बता दें कि जेएनयू की छात्रा आफरीन ने हिजाब बैन के दौरान साउथ इंडिया में कई शहरों का दौरा कर प्रोटेस्ट में हिस्सा लिया था।
आफरीन के पिता मोहम्मद जावेद को प्रयागराज पुलिस ने हिंसा का मास्टरमाइंड घोषित किया है। इसके बाद से ही पुलिस जावेद की बेटी फातिमा की इस हिंसा में भूमिका की तलाश कर रही थी। बताया जा रहा है कि फातिमा अपने पिता को सलाह-मशविरा देने का काम करती थी।
रविवार को यूपी सरकार की बुलडोजर कार्रवाई के तहत फातिमा के घर को तोड़ दिया गया। इसके बाद ही जेएनयू के कई छात्र उसके समर्थन में उठ खड़े हुए। उन्होंने यूनिवर्सिटी में योगी सरकार की बुलडोजर नीति के खिलाफ और फातिमा के समर्थन में प्रदर्शन किया। उनका कहना है कि सरकार मुस्लिम संप्रदाय को चिन्हित कर इस तरह की कार्रवाई कर रही है।
देश में प्रयागराज हिंसा को लेकर बयानबाजी का दौर चल रहा है। जहां एक और कई लोग जावेद और फातिमा के विरोध में है तो कई उनके घर में की गई बुलडोजर कार्रवाई का विरोध कर रहे है। इसी बीत कांग्रेस नेता शशि थरूर फातिमा के सपोर्ट में दिखे।
उन्होंने एक ट्वीट में लिखा की मैं जेएनयू से आ रही खबर को लेकर हैरान हूं कि उसमें पढ़ने वाली छात्रा के परिवार का घर गिरा दिया गया है। कानूनी प्रक्रिया के तहत कार्रवाई लोकतंत्र में मौलिक अधिकार है, लेकिन किसी का घर गिराने की कार्रवाई किस कानूनी प्रक्रिया का पालन करते हुए की गई है? क्या यूपी की सरकार ने खुद को भारत के संविधान से अलग छूट दे दी है?