पंजाब जेल से रिहाई के बाद रचित कौशिक बोले हमारे साथ श्री रघुनाथ तो किस बात की चिंता हमें

News: सब लोकतंत्र’ न्यूज पोर्टल के फाउंडर रचित कौशिक को पंजाब जेल से जमानत मिल गई है। उन्होंने रिहा होने के बाद एक वीडियो अपने एक्स अकॉउंट पर शेयर की है।
पंजाब जेल से रिहाई के बाद रचित कौशिक बोले  हमारे साथ श्री रघुनाथ तो किस बात की चिंता हमें
पंजाब जेल से रिहाई के बाद रचित कौशिक बोले हमारे साथ श्री रघुनाथ तो किस बात की चिंता हमें

News: सब लोकतंत्र’ न्यूज पोर्टल के फाउंडर रचित कौशिक को पंजाब जेल से जमानत मिल गई है। उन्होंने रिहा होने के बाद एक वीडियो अपने एक्स अकॉउंट पर शेयर की है।

इस वीडियो को शेयर करने के साथ उन्होंने कहा कि उन्हें पंजाब जेल से रिहाई मिल गई है। लेकिन फोन को अब भी पुलिस ने अपने पास रखा है।

जल्द ही रचित कौशिश दिल्ली आएंगे। अपनी वीडियो में उन्होंने कहा, “पंजाब पावन गुरुओं की धरती से बसंत पंचमी के दिन जमानत और अनुमति लेकर मैं आ गया हूं त्रिपुरासुरी माता के आंचल में त्रिपुरा।

अगरतला में होने वाले खेलो इंडिया गेम्स में सम्मिलित रहकर अगले हफ्ते मैं दिल्ली आऊँगा। मैं सभी लोगों का धन्यवाद करूंगा जिन्होंने मुझे सपोर्ट किया।

सभी यूट्यूबर्स, ट्विटर, यूजर के एक्टिविस्ट जिन्होंने मेरे लिए आवाज उठाई, सभी व्यक्ति और संगठन चाहे वो राजनैतिक थे, सामाजिक थे, प्रशासनिक थे उन सभी का धन्यवाद।

उन्होंने कहा- बहुत सारे प्रशंसकों ने जिस प्रकार का सहयोग दिया उसका मुझ पर कोई उत्तर नहीं है लेकिन हां बहुत से शुभचिंतकों के प्रश्न हैं कि क्या हुआ, कैसे हुआ, क्यों हुआ, क्या होगा… मेरे पास एक ही उत्तर है उसका- हमारे साथ श्री रघुनाथ तो किस बात की चिंता हमें, शरण में जब रख जब माथ तो किस बात की चिंता।”

रचित कौशिक को Kidnap कर ले गई थी पंजाब पुलिस

बता दें कि रचित कौशिक को 6 फरवरी, 2024 को पंजाब के चार पुलिसकर्मियों ने उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर से उठाया था।

कौशिक एक पारिवारिक शादी समारोह में शामिल होने के लिए मुजफ्फरनगर आए थे। वहीं शाम 7 बजे के करीब कौशिक अपनी भांजी को पार्लर से लेकर विवाह स्थल पर जा रहे थे, जिस दौरान उन्हें गिरफ्तार किया गया।

जिस मामले में रचित कौशिक को गिरफ्तार किया गया था उसमें एफआईआर लुधियाना के सलेम टाबरी थाना क्षेत्र के अलीशा सुल्तान की शिकायत के आधार पर दर्ज की गई थी।

शिकायतकर्ता का कहना था कि 17 जनवरी 2024 को उन्होंने ईसाई समुदाय के खिलाफ एक पोस्ट ‘नो कन्वर्जन (@noconversion)’ नाम के एक्स/ट्विटर हैंडल पर देखी, जो उन्हें अपमानजनक लगी।

उन्होंने कहा कि ऐसे पोस्ट सांप्रदायिक तनाव भड़का सकते हैं जिससे देश में अशांति भी फैल सकती है।

FIR में उन पोस्टों की प्रतियाँ शिकायत के साथ संलग्न थी, लेकिन उन पोस्ट के लिंक एफआईआर में नहीं थे।

इस FIR को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 295ए, 153ए, 153, 504 और आईटी अधिनियम की धारा 67 के तहत दर्ज किया गया था।

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