
Rahul Gandhi Appeal: राहुल गांधी ने दो साल की अपनी सजा को सूरत की सेशन कोर्ट में चुनौती थी। राहुल के तर्कों को सुनने के बाद कोर्ट ने उनकी जमानत मंजूर कर ली थी। राहुल गांधी ने तर्क दिया कि इस मामले में पूर्णेश मोदी पीड़ित व्यक्ति नहीं थे और उन्हें शिकायत दर्ज करने का कोई अधिकार नहीं था।
बता दें कि 3 अप्रैल को राहुल गांधी ने सजा पर रोक और जमानत के लिए अर्जी दाखिल की थी। अपील पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने राहुल गांधी को जमानत दे दी। इसी दौरान राहुल गांधी की लीगल टीम ने कोर्ट में तर्क दिया कि इस मामले में केवल नरेंद्र मोदी ही अपील कर सकते हैं। राहुल गांधी की लीगल टीम ने सजा को चुनौती देते हुए 7 प्रमुख तर्क दिए हैं।
अब राहुल गांधी और उनकी लीगल टीम के इस तर्क से यह तो स्पष्ट हो ही गया है कि उन्होंने शायद यह तो मान ही लिया कि राहुल के बयान से किसी की तो मानहानि हुई है। Since Independence पर जानें राहुल और उनकी लीगल टीम के कोर्ट में दिए तर्क।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आपराधिक मानहानि मामले में अपनी सजा को चुनौती देते हुए सोमवार (3 मार्च) को सूरत की सेशन कोर्ट में अपील दायर की थी। अपनी अपील में राहुल गांधी ने अपनी सजा को चैलेंज करते हुए कहा कि केवल नरेंद्र मोदी ही उनके खिलाफ मानहानि का केस कर सकते हैं।
राहुल गांधी ने तर्क दिया कि इस मामले में पूर्णेश मोदी पीड़ित व्यक्ति नहीं थे और उन्हें शिकायत दर्ज करने का कोई अधिकार नहीं था। कोर्ट में इस बात की तरफ ध्यान दिलाया गया कि आपराधिक कानून के तहत कोई भी केस कर सकता है लेकिन जहां तक धारा 499 औऱ 500 के तहत आपराधिक मानहानि का संबंध है, इस मामले में केवल पीड़ित व्यक्ति ही शिकायत कर सकता है।
राहुल गांधी ने कोर्ट से कहा, "व्यक्तिगत रूप से श्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ जो कथित लांछन लगाया गया है, उसके लिए केवल नरेंद्र मोदी को मानहानि के अपराध से पीड़ित व्यक्ति के रूप में माना जा सकता है और केवल नरेंद्र मोदी ही इसके लिए शिकायत दर्ज कर सकते हैं। पूर्णेश मोदी प्रतिवादी/शिकायतकर्ता को कोई अधिकार नहीं है उसकी ओर से शिकायत दर्ज करें।"
गौरतलब है कि 2019 में कर्नाटक के कोलार में एक चुनावी सभा में कहा था कि "ललित मोदी, नीरव मोदी, नरेंद्र मोदी, कैसे सभी चोरों के कॉमन सरनेम मोदी होते हैं।" इस बयान के खिलाफ बीजेपी के विधायक और गुजरात सरकार में पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने शिकायत दर्ज की थी। इसी मामले में राहुल गांधी को सजा सुनाई गई।
सूरत की सत्र अदालत से जमानत की अवधि बढ़ाए जाने के एक दिन बाद राहुल गांधी ने मंगलवार को अडानी कंपनियों में धन के लेन-देन पर फिर से सवाल उठाया है. उन्होंने खुले शब्दों में पूछा कि अडानी की शेल कंपनी में 20 हजार करोड़ रुपये किसके हैं?
केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) की बैठक के लिए कांग्रेस कार्यालय पहुंचे राहुल गांधी ने न्यायपालिका पर दबाव बनाने के बीजेपी के आरोपों का जवाब देते हुए कहा, मेरा एकमात्र सवाल ये है कि अडानी शेल कंपनियों में 20,000 करोड़ रुपये किसके हैं. इनको (बीजेपी) को इसका जवाब देना चाहिए।