शाहीन बाग में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होने वाली थी। लेकिन इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने आज सुनवाई से इंकार कर दिया है। कोर्ट का कहना है कि शाहीन बाग का मामला जहांगीरपुरी मामले से बिल्कुल अलग है। कोर्ट ने वहां दखल किया क्योंकि वहां परिस्थितियां अलग थी।
शाहीन बाग से अतिक्रमण हटाये जाने के खिलाफ जो याचिका दायर की गई थी, उस पर सुनवाई से इंकार करते हुए सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एल नागेश्वर राव और बी आर गवई की बेंच ने कहा कि कोर्ट ने जहांगीरपुरी मामले में कार्रवाई पर दखल दिया क्योंकि वहां की परिस्थितियां अलग थी। इसका मतलब यह बिल्कुल नहीं है कि SC उस मामले में उदारता दिखाई तो हर मामले में कोर्ट सुनवाई करता रहेगा भले ही वहां निर्माण अवैध हो।
याचिकाकर्ता को फटकार लगाते हुए कोर्ट ने कहा की पहले याचिका हाई कोर्ट में दायर की जानी चाहिए। वहां से राहत ना मिलने पर ना मिलने पर ही सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाना चाहिए।
दिल्ली में अवैध निर्माण के खिलाफ जो कार्रवाई दिल्ली नगर निगम (MCD) कर रहा है, उसे रोकने के लिए भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी (CPIM) ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। इस पर सुप्रीम कोर्ट की 2 जजों की बैंच ने आपत्ती जाहिर की। बैंच का कहना है कि “एक राजनीतिक पार्टी का ऐसे मामले में कूदना अति है। इस कार्रवाई से आखिर एक पार्टी के कौनसे अधिकार बाधित हो रहे है।"
पार्टी के वरिष्ठ वकील पी वी सुरेंद्रनाथ ने मामला संभालने की कोशिश करते हुए कहा कि रेहड़ी-पटरी व्यापारी संघ ने भी याचिका दाखिल की है। इस पर बेंच के अध्यक्ष जस्टिस राव ने कहा, "हमें संतुलन बनाना होगा। इस तरह सड़क घेरने को किसी भी तरह से सही नहीं ठहराया जा सकता है। बेहतर होगा कि आप उन लोगों से पहले हाई कोर्ट जाने को कहें ना कि सीधे सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएं।
देश के सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने दिल्ली नगर निगम (MCD) की कार्रवाई पर कहा कि MCD हाई कोर्ट के आदेश पर ही काम कर रही है।
याचिकाकर्ताओं की मंशा पर सवाल उठाते हुए तुषार ने कहा, "लोग सुप्रीम कोर्ट को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं। इस इलाके में सड़क घेर कर किए गए अतिक्रमण को हाई कोर्ट के आदेश पर ही हटाया जा रहा है।
लंबे अरसे से यह अभियान चल रहा है। अधिकतर जगह लोग खुद ही सड़क से टेबल आदि हटा लेते है। MCD ने सिर्फ 2 जगह ही कार्रवाई की है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट को ऐसा बताया जा रहा है कि हम लोगों के घरों को गिरा रहे है।
तुषार महता ने आगे कहा कि शाहीन बाग में MCD की कार्रवाई हाईकोर्ट के आदेश पर ही हो रही है। पर इन लोगों (याचिकाकर्ता) ने हाई कोर्ट में अपनी यह बात नहीं रखी और सीधे सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। तुषार ने कहा कि ये लोग जानबुझकर ऐसा माहौल तैयार कर रहे है जिससे बाहर के लोगों को लगे की इस मामले में जानबुझकर किसी विशेष समुदाय को निशाना बनाया जा रहा है।
सुप्रीम कोर्ट ने वरिष्ठ वकील सुरेंद्रनाथ से कहा कि हाईकोर्ट में ना जाकर सीधे सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायक करना हाई कोर्ट की तौहीन है। इस तरह से आप आप हाई कोर्ट के प्रति असम्मान दिखा रहे हैं। कोर्ट ने वकील को फटकार लगाते हुए कहा कहा की आप अभी तय करें कि हाई कोर्ट जाना है या नहीं। अगर नहीं तो हम याचिका खारिज कर देते हैं." इस पर वकील ने हाई कोर्ट जाने की बात कही। सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें इसकी अनुमति दे दी है।