साल 2024 लोकसभा चुनाव का है। इस वर्ष भारत के साथ 70 देशों में चुनाव होने है। भारत के लोगों में चुनाव को लेकर एक अलग उत्साह रहता है और इस समय भारत में होने जा रहे है।
लोकसभा चुनाव को लेकर पूरे देश में धूम मची हुई है, तो वहीं कई देशों में अभी भी चुनाव की तैयारियां चल रही है। ऐसे में हम सबके के पास एक प्लेटफार्म है सोशल मीडिया। जो चुनावों में बहुत एहम भूमिका निभाता है और देश के लोगों पर गहरा प्रभाव डालता है।
सोशल मीडिया को लेकर चुनाव आयोग ने चिंता जाहिर की है। आप सब तो जानते हैं ये AI का ज़माना है और यहां आये दिन Controversies होती हैं। अगर कोई Controversy नहीं भी होती तो भी AI के फेक वीडियोस कंट्रोवर्सी क्रिएट कर देते है और ये चुनावों के लिए बड़ा खतरा साबित होता है।
आप सभी ने अक्सर कभी PM मोदी को गाना गाते, ढोल बजाते, तो कभी नाचते देखा होगा। PM मोदी असल जिंदगी में तो ऐसा कभी करेंगे नहीं, तो जाहिर सी बात है की ये सब AI जनरेटेड है और फेक हैं।
अब memes तक तो ठीक था, लेकिन माइक्रोसॉफ्ट की थ्रेट इंटेलिजेंस टीम ने एक रिपोर्ट निकाली हैं जिसमें ये दावा किया गया है कि चीन होने वाले चुनावों में AI जनरेटेड सोशल मीडिया कंटेंट को अपनी सहूलियत के हिसाब से इस्तेमाल करेगा और भारत, अमेरिका और दक्षिण कोरिया में होने वाले चुनावों को चीन अपना निशाना बनाएगा। पार्टियों के तरफ से खड़े हो रहे कैंडिडेट्स को De Fame करने की भी कोशिश करेगा।
बता दें कि पिछले चुनावों में भी सोशल मीडिया Comapanies अपने Platform पर AI Generated Content को Publish होने से रोकने में नाकाम रही थी। AI Generated वीडियो, Deep Fake या भ्रमित करने वाला कंटेंट चुनावों और जनता को प्रभावित करने का बड़ा खतरा है।
साइबर एक्सपर्ट प्रिया सांखला का कहना है कि सोशल मीडिया के सदुपयोग से अच्छे परिणाम तो मिल रहे हैं, लेकिन इसके दुरूपयोग से भारी खतरा भी सामने आ रहा है। अभी कुछ ही दिनों पहले हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिल गेट्स से एक बातचीत के दौरान ये बात कही थी कि AI Generated कंटेंट पर Watermark होना चाहिए। वॉटरमार्क से Fake और Real की पहचान हो जाएगी और सोशल मीडिया का जो खतरा है वो कुछ हद तक ही सही लेकिन कम हो जाएगा।
सोशल मीडिया का दुरुपयोग चिंताजनक है। सोशल मीडिया एक जाल है जिसमें आप फंसते चले जाते है, आपको जरुरत है इस जाल से बचने की और सही गलत के पहचान करने की। आज पूरी दुनिया में सोशल मीडिया के 4.8 Billion Active Users हैं और ऐसे में सोशल मीडिया चुनाव के लिए एक बहुत बड़ी चुनौती बन चुका है।