डेस्क न्यूज. अलवर में तिजारा पुलिया पर खून से लथपथ एक बधिर नाबालिग के मामले में पुलिस के हाथ अभी-तक खाली है। इस दौरान प्रशासन ने कई बार बयान बदले। परिवार के चारों ओर पुलिस का पहरा है।
एफएसएल रिपोर्ट में नाबालिग के कपड़े पर पिता का सीमन लगने की घटना के बाद परिजन मीडिया के सामने आए और कलेक्टर पर आरोप लगाया और कहा कि प्रशासन पीड़ित परिवार को दो बीघा जमीन देकर और भूखंड का पट्टा देकर चुप रहने का दबाव बना रहे है। इसके अलावा 15 लाख रुपए दिलाने का लालच भी दिया गया है। कलेक्टर के आवास पर यह लिखने वाले भाजपा कार्यकर्ता हैं। मामले में जनता का विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है।
नाबालिग के पिता ने पुलिस प्रशासन से अपनी चल रही बातचीत को मीडिया के सामने रखा। अगले ही दिन कलेक्टर के सरकारी आवास की दीवार पर लिखा हुआ था कि सत्ता का दलाल मत बनो। किसी भूमि या भूखंड की आवश्यकता नहीं है। न्याय दो जो एक तरह से पुलिस प्रशासन की कार्यशैली का विरोध है। इस मुद्दे को लेकर जनता में पहले से ही आक्रोश है। जिसके चलते अलवर को एक के लिए बंद कर दिया गया था। लेकिन पुलिस ने इस मामले का खुलासा नहीं किया है।
पुलिस की अब तक की जांच से पीड़िता के परिजन नाखुश हैं। इसी वजह से नाबालिग के पिता ने मीडिया के सामने आकर पुलिस-प्रशासन पर कई आरोप लगाए। बताया यह भी गया कि लड़की इशारों में जो कह रही है उससे लग रहा है कि लड़की को पुलिया पर फेंक दिया गया है। लेकिन पुलिस की कहानी कुछ और है।
बता दे पुलिस ने पहले दिन रेप को बताया। 3 दिन बाद मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर दुर्घटना की संभावना तलाशी गई। अब लड़की के कपड़ों पर पिता की सीमन मिला है। इस तरह पुलिस और मेडिकल जांच ने मामले को अलग मोड़ दे दिया। जिस पर परिजनों को विश्वास नहीं कर रहे हैं।
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